
नीति आयोग की बैठक में नहीं आए नीतीश कुमार, बिहार के दोनों डिप्टी CM हुए शामिल
AajTak
यह पहली बार नहीं है कि सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. वह इसके पहले भी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन डिप्टी सीएम ने किया था. इस बार भी दोनों उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक में शामिल नहीं हुए. अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में बिहार का प्रतिनिधित्व उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने किया. इस महत्वपूर्ण बैठक में नीतीश कुमार की अनुपस्थिति का कारण तुरंत पता नहीं चल सका है.
यह पहली बार नहीं है कि सीएम नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. वह इसके पहले भी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और बिहार का प्रतिनिधित्व तत्कालीन डिप्टी सीएम ने किया था. इस बार भी दोनों उपमुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा, बिहार से चार केंद्रीय मंत्री नीति आयोग के सदस्य हैं और वे सभी बैठक में उपस्थित रहे.
नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से 'विकसित भारत@2047' दस्तावेज पर चर्चा की गई. नीति आयोग की सर्वोच्च संस्था गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं.
ममता बनर्जी ने लगाया माइक बंद करने का आरोप
विपक्षी दलों में से सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही बैठक में शामिल हुईं. वह बीच में ही मीटिंग छोड़कर बाहर निकल गईं और केंद्र पर अपने राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैंने बैठक का बहिष्कार किया है. चंद्रबाबू नायडू को बोलने के लिए 20 मिनट दिए गए, असम, गोवा, छत्तीसगढ़ के सीएम ने 10-12 मिनट तक बात की. मुझे सिर्फ पांच बाद ही रोक दिया गया. यह गलत है. विपक्ष की ओर से, सिर्फ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही थी, और इस बैठक में इसलिए भाग ले रही थी क्योंकि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को मजबूत करने में मेरी अधिक रुचि है. नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं. मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई.'
केंद्र सरकार के सूत्र बोले- ममता के आरोप निराधार

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







