
निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, अलग पार्टी बनाएंगे या दूसरी पार्टी का दामन थामेंगे, जानिए तेज प्रताप के सामने क्या हैं विकल्प?
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तेज प्रताप यादव को आरजेडी और परिवार से 6 साल के लिए बाहर कर दिया गया है. इस निर्णय के बाद उनके सामने नई पार्टी बनाने, जेडी(यू) या दूसरी पार्टी में शामिल होने या निर्दलीय चुनाव लड़ने जैसे विकल्प हैं. वे पहले भी कई संगठन बना चुके हैं और राजनीतिक सक्रियता दिखा चुके हैं. तेज प्रताप की आगे की रणनीति बिहार चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती है.
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है और उनके 'गैर-जिम्मेदाराना आचरण' और पारिवारिक मूल्यों और सार्वजनिक शिष्टाचार से हटने का हवाला देते हुए पारिवारिक स्तर पर उनसे नाता तोड़ने का भी फैसला किया है.
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर इस रिश्ते के बारे में दो बार फोटो के साथ पोस्ट किया और दोनों बार पोस्ट को डिलीट कर दिया. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी फोटो पोस्ट कर रिश्ते को सार्वजनिक कर दिया. तेज प्रताप ने एक्स से भी पोस्ट को डिलीट कर दिया और अकाउंट हैक होने की बात दोहराई. शनिवार शाम से तेज प्रताप लगातार पोस्ट करते रहे और फिर डिलीट करते रहे. इसके बाद लालू यादव ने रविवार को एक के बाद एक पोस्ट करके तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से निष्कासित करने का ऐलान कर दिया. ऐसे में सवाल यह है कि तेज प्रताप यादव का अगला कदम क्या होगा?
तेज प्रताप यादव कोई बड़ा राजनीतिक फैसला ले सकते हैं! दरअसल, तेज प्रताप यादव की लव स्टोरी ने बिहार में हलचल मचा दी है. राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तेज प्रताप यादव चुप नहीं बैठेंगे. कुछ लोगों का मानना है कि तेज प्रताप यादव कोई बड़ा राजनीतिक फैसला ले सकते हैं. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वे नई पार्टी बना सकते हैं या किसी दूसरी पार्टी से गठबंधन कर सकते हैं. चूंकि अब आरजेडी के दरवाजे बंद हो चुके हैं, इसलिए वे अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. वे आगे क्या कदम उठाएंगे, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. इससे पहले जब आरजेडी में उन्हें महत्व नहीं दिया गया था, तब उन्होंने कई संगठन बनाए थे.
तेज प्रताप अलग पार्टी बना सकते हैं! अब जब यह साफ हो गया है कि वे 6 साल तक आरजेडी में वापस नहीं आ सकते और उनके परिवार ने भी उनसे नाता तोड़ लिया है, तो उनके पास एक ही विकल्प बचा है. अपने लिए नई राह बनाना. यही वजह है कि इस बात की प्रबल संभावना है कि तेज प्रताप यादव अब अपनी अलग विचारधारा, संगठन और नेटवर्क बनाना चाहते हैं. इससे पहले वे धर्म समर्थक सेवक संघ (DSS), यदुवंशी सेना, तेज सेना, लालू-राबड़ी मोर्चा और छात्र जनशक्ति परिषद (CJP) बना चुके हैं.
पहले के बनाए संगठन- यदुवंशी सेना और तेज सेना तेज प्रताप यादव ने 28 जून 2019 को 'तेज सेना' नामक संगठन के गठन की घोषणा की थी. तब उन्होंने युवाओं से अपनी सेना में शामिल होने की अपील की थी. तेज प्रताप इससे पहले 'यदुवंशी सेना' का गठन कर चुके हैं. बिहार में यादव समुदाय की आबादी 12 प्रतिशत है. इसके जरिए उन्होंने यादव समुदाय के युवाओं को अपने साथ जोड़ा था.
धर्म समर्थक सेवक संघ (DSS) 2017 में तेज प्रताप ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुकाबला करने के लिए धर्म समर्थक सेवक संघ (DSS) नामक युवा संगठन का गठन किया था, जो भाजपा का वैचारिक संरक्षक है. दिसंबर 2018 में उन्होंने ट्विटर पर DSS का एक टीजर लॉन्च किया था. इसमें DSS को एक धर्मनिरपेक्ष संगठन के रूप में दर्शाया गया है जो हर धर्म का समान रूप से स्वागत और सम्मान करता है. बिहार के पूर्व मंत्री को अर्जुन के रूप में दिखाया गया, जिसे उनके सारथी भगवान कृष्ण चला रहे हैं.

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