
नाबालिग बेटी के साथ मिलकर महिला ने पति को उतारा मौत के घाट, बना दी लूटपाट की कहानी
AajTak
असम के डिब्रूगढ़ में व्यवसायी उत्तम गोगोई की हत्या में उनकी पत्नी और 16 साल की बेटी की संलिप्तता सामने आई है. दोनों ने बेटी के प्रेमी दीपज्योति और एक नाबालिग के साथ मिलकर वारदात रची. साथ ही हत्या को डकैती का रूप देने की कोशिश की गई थी.
असम के डिब्रूगढ़ के एक व्यवसायी की हत्या का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के बरबरुआ इलाके में हुई इस हत्या में कोई और नहीं बल्कि मृतक की पत्नी और बेटी को ही संलिप्त पाया गया है. पुलिस ने अपराध के आठ दिन बाद रविवार सुबह मां -बेटी के साथ दो अन्य लोगों, 21 साल के दीपज्योति बुरागोहेन और 17 साल के एक लड़के को गिरफ्तार कर लिया है.
52 साल के मृतक सालउत्तम गोगोई, बरबरुआ के लाहोन गांव में रहते थे और 25 जुलाई को अपने घर में मृत पाए गए. जो मामला डकैती जैसा लग रहा था, वह उनके अपनों की मिलीभगत से रची गई हत्या निकली.
पुलिस का कहना है कि गोगोई की पत्नी और 9वीं में पढ़ने वाली उनकी 16 साल की बेटी हत्या की योजना बनाने में शामिल थीं. परेशान करने वाली बात यह है कि किशोरी कथित तौर पर आरोपियों में से एक, दीपज्योति बुरागोहेन के साथ रिश्ते में थी. मालूम हुआ कि मां और बेटी ने कथित तौर पर दीपज्योति और उसके नाबालिग साथी को हत्या के लिए बड़ी रकम और सोने के गहने दिए थे. पुलिस ने गिरफ्तारियों के बाद सोने के गहने बरामद कर लिए है.
डिब्रूगढ़ के एसएसपी राकेश रेड्डी ने बताया कि, 'आरोपियों ने पहले पुलिस को भ्रमित करने के लिए इसे डकैती का रूप देने की कोशिश की थी, लेकिन उन सभी की कहानियां मेल नहीं खाती थीं और फोरेंसिक साक्ष्यों से उनकी संलिप्तता अपने आप सामने आ गई.
इस मामले ने लाहोन गांव के पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, जहां उत्तम गोगोई का बहुत सम्मान था. गिरफ्तारियों के बाद बरबरुआ में विरोध प्रदर्शन हुए और स्थानीय लोगों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की. जांच की निगरानी कर रहे एसएसपी राकेश रेड्डी ने कहा कि पुलिस हत्या के मकसद का पता लगाने के लिए जांच कर रही है. रेड्डी ने कहा, 'जांच जारी है और हम मामले की तह तक पहुंचने के लिए संदिग्धों से पूछताछ कर रहे हैं. एक बार यह पूरी हो जाने पर, हमें अपराध के पीछे का मकसद पता चल जाएगा.'
INPUT: पूर्ण बिकास

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







