धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून से जुड़ी याचिका पर सुनवाई टली
AajTak
धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कारगर कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई अगले सोमवार तक टल गई है. इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था. उन्होंने तर्क दिया कि सरकार सभी राज्यों से जानकारी इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट को देगी. इसमें एक सप्ताह का समय और लग जाएगा.
दबाव और प्रभाव से धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कारगर कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को अगले सोमवार तक टाल दी है. इस संबंध में आज हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार सभी राज्यों से जानकारी इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट को देगी. इसमें एक सप्ताह का समय और लग जाएगा. लिहाजा इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक टाल दी जाए.
हर समय टोकाटाकी उचित नहीं होती
उधर, सुनवाई टाली जाने पर याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने टोका तो जस्टिस शाह ने कहा कि जब गंभीर चर्चा हो रही हो तो संयम से काम लेना चाहिए. हर समय टोकाटाकी उचित नहीं होती है.
सुप्रीम कोर्ट भी जायज बता चुका है वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक उच्च अधिकार प्राप्त स्वतंत्र वैधानिक प्राधिकरण यानी स्टेट्यूटरी अथॉरिटी है. वही पूरी पड़ताल कर तय करेगी कि धर्म परिवर्तन के पीछे लालच है क्या? कई राज्यों में से कुछ के बनाए कानूनों को सुप्रीम कोर्ट भी जायज बता चुका है. वो कानून न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया था.
याचिका फर्जी और काल्पनिक
एसजी ने कहा कि राज्यों में धर्म परिवर्तन निरोधक कानूनों और प्रावधानों को इकट्ठा कर हम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. केरल युक्तिवादी संगम के वकील सी यू सिंह ने कहा कि हम उपाध्याय की याचिका का विरोध करते हैं. हम तर्कवादी हैं. याचिका फर्जी और काल्पनिक आरोपों पर आधारित है.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.