धरती के अंदर 32 हजार फीट गहरा होल बना रहा है चीन, लेकिन क्यों?
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सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक, चीन के वैज्ञानिक पृथ्वी में 32,808 फीट गहरा छेद कर रहे हैं. पृथ्वी पर अब तक का सबसे गहरा मानव निर्मित छेद रूसी कोला सुपरडीप बोरहोल है. इसकी गहराई 12,262 मीटर यानी 40,230 फीट है.
चीन से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन के वैज्ञानिक पृथ्वी की आंतरिक परत (Crust) में 10 हजार मीटर यानी 32,808 फीट गहरा छेद कर रहा है. वैज्ञानिक यह छेद चीन के शिनजियांग प्रांत में कर रहे हैं. शिनजियांग तेल समृद्ध क्षेत्र माना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पतला शाफ्ट 10 से अधिक महाद्वीपीय या चट्टानी परतों को छेद करते हुए पृथ्वी की क्रस्ट में क्रेटेसियस सिस्टम तक पहुंचेगा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैज्ञानिक जिस अर्थ क्रस्ट तक छेद कर रहे हैं. उस अर्थ क्रस्ट में पाए जाने वाले चट्टान की उम्र लगभग 145 मिलियन वर्ष है. चट्टान की उम्र की गणना रॉक डेटिंग की मदद से की गई है.
पृथ्वी पर अब तक का सबसे गहरा मानव निर्मित छेद रूसी कोला सुपरडीप बोरहोल है. इसकी गहराई 12,262 मीटर यानी 40,230 फीट है. 20 साल की ड्रिलिंग के बाद 1989 में कोला सुपरडीप बोरहोल बना था.
क्यों कर रहा है छेद?
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वैज्ञानिक मंगलवार से पृथ्वी में छेद करना शुरू कर चुके हैं. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन इस छेद की मदद से सतह के ऊपर और नीचे की नई सीमाओं की खोज कर रहा है. मंगलवार की सुबह ही चीन ने पहली बार किसी नागरिक को अंतरिक्ष में भेजा है. चीनी अंतरिक्ष यात्री को गोबी राजस्थान से अंतरिक्ष में भेजा गया है.
इस छेद को करने में आने वाली समस्याओं पर टिप्पणी करते हुए चाइनीज एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के एक वैज्ञानिक सन जिनशेंग ने कहा है कि ड्रिलिंग प्रोजेक्ट में आने वाली समस्याओं की तुलना दो पतले स्टील के केबल पर चलने वाले बड़े ट्रक से की जा सकती है.
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