'द किंग मेकर': लालू प्रसाद यादव के संघर्ष और सफलता की दास्तान
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यह किताब लालू प्रसाद यादव को एक ऐसे अगुआ के तौर स्थापित करने की कोशिश करती है जिन्होंने अपने अथक संघर्ष के बूते न केवल खुद का राजनीतिक मुकाम हासिल किया, बल्कि वंचित समुदायों के लिए सामाजिक न्याय का पथ प्रशस्त किया.
बिहार के चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में तीन साल जेल में गुजारने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इसी साल अप्रैल में जमानत पर बाहर आए हैं. जाहिर है, इस दौरान वे राजनीतिक सक्रियता से दूर ही हैं. लेकिन भारतीय राजनीति और खासकर बिहार की राजनीति के संदर्भ में लालू प्रसाद यादव बेहद अहम किरदार हैं. बहुत सारे लोग लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के बहुचर्चित भ्रष्टाचार से जोड़कर देखते हैं और उनके लिए बिहार में लालू यादव का शासन महज ‘जंगल राज’ की तरह था. लेकिन, एक बहुत बड़े तबके के लिए लालू प्रसाद यादव सामाजिक न्याय के अगुआ और बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को सिरे से पलट देने वाले महत्वपूर्ण किरदार हैं. ‘द किंग मेकर: लालू प्रसाद यादव की अनकही दास्तान’ नामक किताब इसी दूसरे पक्ष को सामने रखती है. इसके लेखक जयन्त जिज्ञासु ने स्थापित करने की कोशिश की है कि किस तरह लालू प्रसाद का व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन तथा विरासत मुख्य तौर पर सामाजिक न्याय का प्रतिनिधि रहा है.