
'दूसरों से बोलने की आजादी सीखने की जरूरत नहीं', भारत-कनाडा विवाद पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर
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भारत के विदेश मंत्री एस जयंशकर ने वॉशिंगटन ने एक प्रेस का्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कनाडा ने हमारे ऊपर कुछ आरोप लगाए हैं. हमने भी उसका जवाब दिया है कि ये भारत सरकार की पॉलिसी नहीं है. हालांकि अगर वे हमारे साथ कोई ठोस सबूत देते हैं तो हम उन पर विचार करने को तैयार हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने 5 दिवसीय दौरे के दौरान शनिवार तड़के करीब 1:30 बजे (भारतीय समयानुसार) वॉशिंगटन में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कनाडा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें दूसरों से सीखने की ज़रूरत नहीं है कि बोलने की आजादी क्या है. इस मुद्दे पर अपना रुख दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के प्रति कनाडा की उदारता एक समस्या है. भारत ने कनाडा से कई आरोपियों के प्रत्यर्पण का अनुरोधों किया, लेकिन उनकी ओर से जवाब नहीं दिया गया है. ये ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं, जो कनाडा में बैठकर भारत के खिलाफ गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
एस जयंशकर ने कहा कि कनाडा ने हमारे ऊपर कुछ आरोप लगाए हैं. हमने भी उसका जवाब दिया है कि ये भारत सरकार की पॉलिसी नहीं है. हालांकि अगर वे हमारे साथ कोई ठोस सबूत देते हैं तो हम उन पर विचार करने को तैयार हैं. लेकिन, मैं यह देखना चाहता हूं कि क्या एक घटना को अलग-थलग करके देखा जाता है. क्योंकि तब वह कहीं न कहीं सही तस्वीर पेश नहीं करती है. सच यह है कि पिछले कुछ वर्षों से कनाडा और कनाडाई सरकार के साथ हमारी समस्या चल रही है. समस्या वास्तव में आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा की अनुमति के इर्द-गिर्द घूमती है. यह अनुमति इस सच्चाई से भी साबित होती है कि हमारे द्वारा किए गए कुछ महत्वपूर्ण प्रत्यर्पण अनुरोधों का उनकी ओर से जवाब नहीं दिया गया है.
'हमारे राजनयिक कर्मियों को लगातार धमकाया जा रहा है'
उन्होंने कहा कि ये ऐसे ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो स्पष्ट रूप से भारत में हिंसा और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. यह कोई रहस्य नहीं है. वे कनाडा में अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए हैं और सबसे महत्वपूर्ण सच यह है कि हमारे राजनयिक मिशनों और हमारे राजनयिक कर्मियों को कनाडा में लगातार धमकाया जा रहा है. हालात ये हैं कि अब उनके लिए वहां काम करना सुरक्षित नहीं है. इसलिए हमें अपने वीज़ा संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित करना पड़ा है. क्योंकि उन्होंने हमारे लिए उन सेवाओं को संचालित करना बहुत कठिन बना दिया है.
'इसे पूरे सिख समुदाय का मामला न समझा जाए'
सिख समुदाय को लेकर चल रही चर्चाओं पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हर कोई जानता है कि पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने सिख समुदाय के मुद्दों और सुझावों पर बहुत ध्यान दिया है. मैं नहीं मानता कि अभी जो चर्चा हो रही है, वह पूरे समुदाय (सिखों) के प्रतिनिधि मुद्दे हैं. जो लोग आतंकवाद की बात करते हैं, अलगाववादी लोग हैं, जिनके तर्कों में हिंसा शामिल है, यह एक कुछ ही लोग हैं. इनके लिए सरकार को निष्पक्ष तरीके से देखना चाहिए. इसे पूरे समुदाय का मामला न समझें. इसको गलत तरीके से पेश नहीं किया जाना चाहिए.

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