दीपक भारद्वाज मर्डर केस: 8 साल बाद फिर खंगाली जा रही है फाइलें
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साउथ दिल्ली में आठ साल पहले हुए चर्चित दीपक भारद्वाज मर्डर केस में फिर से फाइलें खंगाली जा रहीं हैं. इस केस में पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले में खिलाफ अब हाई कोर्ट में अपील की गई है.
साउथ दिल्ली के चर्चित दीपक भारद्वाज हत्याकांड में अभी भी कई सवाल बने हुए हैं. जिनका किसी के पास जवाब नहीं है. 26 मार्च 2013 को लाजवंती गार्डन फार्म हाउस का गेट खुलते ही यह पूरा इलाका गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था. हमलावरों ने एक बड़े प्रॉपर्टी डीलर और नेता दीपक भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के 8 साल बाद अब पूरे मामले की फाइलें फिर से खंगाली जा रहीं हैं. दरअसल कत्ल के इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दीपक भारद्वाज के बेटे और उसके साथियों को आरोपी बनाया था, लेकिन सबूतों के अभाव में 2019 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इन सभी को आरोपों से बरी कर दिया था. यानी सनसनीखेज कत्ल का ये मामला वहीं का वहीं टिका रह गया और सवाल बना रहा कि दीपक भारद्वाज का हत्यारा कौन है? यही वजह है कि पटियाला हाउस कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने अब दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है. इस केस से जुड़े वकील धर्मवीर सिंह ने बताया कि हम अपील में गए हैं. पुलिस की तरफ से भी अपील की गई है. कुल तीन अपील इस फैसले के खिलाफ की गई हैं.मनाली के ब्यास नदी के पास उत्तर प्रदेश की रहने वाली दो महिलाएं सेल्फी ले रही थी. पैर फिसलने से दोनों ब्यास नदी में डूब गईं और दोनों की मौत हो गई. पुलिस का कहाना है कि उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली आंचल का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर बरामद किया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. दूसरी महिला का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
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