
दिवाली से पहले दिल्ली में बारिश, अब ठंड और कोहरे का दिखेगा असर? जानें IMD ने क्या दी जानकारी
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भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की शुरुआत आमतौर पर ऐसी ही बारिश से होती है और उत्तर भारत में तो शीतलहर के लिए भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जरिए की गई बारिश बड़ी वजह मानी जाती है. मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ यूं तो बस शुक्रवार को ही बारिश करेगा लेकिन इसकी वजह से हवाओं की रफ्तार अच्छी रहेगी.
राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले आज यानी 10 नवंबर को तड़के सुबह अच्छी बारिश देखी गई. इससे प्रदूषण में बड़ी राहत मिली और हवाओं ने भी मौसम को बेहतर किया. हालांकि इससे तापमान में कोई खास तब्दीली देखने को नहीं मिली है. लेकिन इसके बाद दिल्ली में ठंड और कोहरे का कहर बढ़ने वाला है. प्रदूषण झेल रही दिल्ली के लिए बारिश जरूरी तो थी लेकिन वेस्टर्न डिस्टरबेंस किस तरीके का होगा उसको लेकर मौसम विभाग के पास भी पूरी जानकारी नहीं थी. मौसम विभाग को अंदाजा था कि शुक्रवार को दिल्ली में असर दिखाने वाला पश्चिम विक्षोभ कमजोर होगा और उसके चलते दिल्ली में सिर्फ बादल छाएंगे और बारिश नहीं होगी. लेकिन न सिर्फ बारिश हुई बल्कि तेज हवाएं भी चलीं और प्रदूषण का स्तर काफी नीचे चला गया.
अब दिल्ली में बढ़ेगी ठंड
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ऐसा नहीं था कि मौसम विभाग के पास यह सूचना न रही हो कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस दिल्ली और आसपास के इलाकों का रुख कर रहा है. मौसम विभाग ने भी पूर्वानुमान लगाया था और उसके हिसाब से उन्होंने इसे कमजोर सिस्टम माना और दिल्ली में बारिश होने की संभावना नहीं जताई लेकिन जब गुरुवार की शाम वेस्टर्न डिस्टरबेंस दिल्ली के पास आ गया तब मौसम विभाग भी अचरज से भर गया. भारतीय मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक सोम सेन राय बताती है, " पहले हमें यह कमजोर दिखाई पड़ रहा था लेकिन गुरुवार शाम को इसकी गहराई हमें ज्यादा मालूम चली और इसी वजह से एक साइक्लोनिक सिस्टम बन रहा था जो अरब सागर की ओर से नमी खींच रहा था और उसने दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश करवाई. "इसलिए बिल्कुल करीब आने के बावजूद दिल्ली पर क्या असर होगा इसका खास अंदाज़ मौसम विभाग तक को नहीं था.
क्या है पश्चिमी विक्षोभ?
दरअसल पश्चिमी विक्षोभ यानी पश्चिमी देशों से लाया हुआ सिस्टम हमारे देश में सर्दियों के मौसम में बारिश करवाता है जिसका असर दिल्ली के पॉल्यूशन पर देखने को मिल रहा है. भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की शुरुआत आमतौर पर ऐसी ही बारिश से होती है और उत्तर भारत में तो शीतलहर के लिए भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जरिए की गई बारिश बड़ी वजह मानी जाती है. मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ यूं तो बस शुक्रवार को ही बारिश करेगा लेकिन इसकी वजह से हवाओं की रफ्तार अगले दो दिनों तक अच्छी रहेगी.

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