
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता ने मंत्रियों संग की यमुना घाट पर आरती, सचिवालय में पहली कैबिनेट बैठक जारी
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सीएम रेखा गुप्ता ने की वासुदेव घाट पर आरती
दिल्ली की नवनिर्वाचित सीएम रेखा गुप्ता ने यमुना नदी के किनारे वासुदेव घाट पर यमुना आरती की. यमुना नदी की सफाई बीजेपी की प्राथमिकता में शामिल है और इस आरती के जरिए नई बनीं सीएम ने ये जाहिर कर दिया दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
बता दें कि बीजेपी की रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने शुक्रवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर पद की शपथ ले ली है. पद की शपथ लेते ही वह एक्शन मोड में आ गई हैं. दिल्ली कैबिनेट की पहली मीटिंग सचिवालय में जारी है. इससे पहले रेखा गुप्ता दोपहर तीन बजे दिल्ली सचिवालय पहुंचीं और उन्होंने कार्यभार संभाल लिया था, इसके बाद वह शाम पांच बजे यमुना बाजार के वासुदेव घाट का दौरा करने पहुंची.
सीएम ने यहां उन्होंने यमुना आरती भी की. इस दौरान उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्री भी मौजूद रहे. यहां घाट पर आरती के बाद सभी सचिवालय रवाना हुए, जहां नवनिर्वाचित कैबिनेट की पहली मीटिंग हुई. दिल्ली कैबिनेट के नए मंत्री भी यमुना का दौरा करने पहुंचे थे. यमुना की सफाई, बीजेपी के मेनिफेस्टों में सबसे अहम रहा है और इस बार यमुना की गंदगी बड़े पैमाने पर चुनावी मुद्दा भी बनी थी. ऐसे में सबसे पहले सीएम का यमुना नदी घाट का दौरा करना, यमुना आरती में शामिल होना दिल्ली में यमुना सफाई अभियान के नए कदम की शुरुआत की ओर संकेत कर रहा है.
11 महीने पहले हुई थी वासुदेव घाट पर आरती की शुरुआत दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के तहत आने वाले वसुदेव घाट का जीर्णोद्धार करने के बाद यहां यमुना आरती की परंपरा शुरू की गई थी. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 12 मार्च 2024 को इस ऐतिहासिक यमुना आरती का उद्घाटन किया था. तब से यह आरती नियमित रूप से जारी है और इसे 11 महीने से अधिक का समय हो चुका है.
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने वासुदेव घाट को संवारने का काम किया. इसका उद्देश्य यमुना किनारे की स्वच्छता बनाए रखना और धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना था. घाट की सफाई और सौंदर्यीकरण के बाद यहां नियमित रूप से यमुना आरती का आयोजन किया जाने लगा.
गंगा आरती की तरह यमुना आरती को भी धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस आयोजन से न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव मिल रहा है, बल्कि यह यमुना नदी की पवित्रता और स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ाने में भी मदद कर रहा है.

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