
दिल्ली सरकार के अधिकारों पर केंद्र का अध्यादेश जारी, ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामलों में LG ही 'बॉस'
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पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत सर्विसेज मामलों का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था.
केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए शुक्रवार को अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश के जरिए केंद्र ने ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए हैं.
इस अध्यादेश के जरिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण का गठन करेगी, जो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस के काम पर नजर रखेगी. इसमें तीन सदस्य होंगे,जिसमें मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव गृह होंगे. लेकिन समिति बहुमत से फैसला करेगी. इस समिति में दो नौकरशाह होने का मतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद से कोई फैसला नहीं ले पाएंगे. इस तरह पावर उपराज्यपाल के हाथ में है.
यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार को मिले अधिकारों में कटौती की तरह है. अभी तक मुख्य सचिव और प्रिंसिपल सेक्रेटरी (होम) केंद्र सरकार के जरिए नियुक्त किए हुए हैं. यानी इस तरह अथॉरिटी में मुख्यमंत्री अल्पमत में होगा. इस तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा.
केजरीवाल पहले जता चुके थे अंदेशा
मुख्यमंत्री केजरीवाल केंद्र सरकार के इस फैसले का पहले ही अंदेशा जता चुके थे. उन्होंने कहा था कि ऐसा सुनने में आ रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार कोई अध्यादेश ला सकती है.
दरअसल पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत सर्विसेज मामलों का अधिकार दिल्ली सरकार के पास है.

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