दिल्ली: श्मशान घाट से सटे शहीद भगत सिंह कैंप के लोग धुएं और गंध में रहने को मजबूर
The Wire
दिल्ली स्थित पश्चिम पुरी श्मशान घाट के पास स्थित शहीद भगत सिंह कैंप में तक़रीबन 900 झुग्गियां हैं, जिनमें 1500 लोग रहते हैं. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि पहले एक दिन में तीन-चार शवों का दाह संस्कार किया जाता था, लेकिन अब 200-250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इन लोगों को इससे कोविड-19 महामारी के फैलने का भी ख़तरा सता रहा है.
नई दिल्ली: पश्चिम दिल्ली के शहीद भगत सिंह कैंप में रहने वाले लोग अपने घर-बार छोड़कर गांव वापस जाने की तैयारी कर रहे हैं और इसकी वजह नजदीक के श्मशान घाट पर बड़े स्तर पर शवों का अंतिम संस्कार का होना है, जिससे इलाके में धुआं छा जाता है और बदबू का माहौल होता है. झुग्गी कॉलोनी के निवासियों को इससे कोविड-19 महामारी के फैलने का भी खतरा सता रहा है. लोगों का कहना है कि श्मशान घाट के इतने नजदीक रहना कभी भी आसान नहीं था, जहां पहले एक दिन में तीन-चार शवों का दाह संस्कार किया जाता था, वहीं अब करीब 200-250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. इलाके में रहने वाली सरोज कहती हैं कि उनकी आंख शवों के जलने की गंध से खुलती है और वे रात में इसी स्थिति में सोती हैं.More Related News