दिल्ली में कोरोना का संकट बढ़ा, जानिए अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट, ICU बेड्स, वेंटिलेटर की क्या है स्थिति?
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दिल्ली में नाइट कर्फ्यू जैसी सख्ती भी बरती जा रही है, लेकिन कोरोना के मामलों में कमी नहीं आ रही है. दिल्ली में टेस्टिंग, कोरोना के केस, अस्पतालों में बेड्स को लेकर क्या हालात हैं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हर सवाल के जवाब दिए हैं.
दिल्ली में कोरोना वायरस के महाप्रकोप के बीच हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. बीते दिन राजधानी में 13 हज़ार से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए, जो अबतक का रिकॉर्ड है. दिल्ली में नाइट कर्फ्यू जैसी सख्ती भी बरती जा रही है, लेकिन कोरोना के मामलों में कमी नहीं आ रही है. दिल्ली में टेस्टिंग, कोरोना के केस, अस्पतालों में बेड्स को लेकर क्या हालात हैं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हर सवाल के जवाब दिए हैं. दिल्ली में क्या है कोरोना का हाल? प्रेस कॉन्फ्रेंस में सत्येंद्र जैन ने बताया कि कल दिल्ली में 13,468 केस आए थे, जबकि कुल 1 लाख 2 हज़ार से ज़्यादा टेस्ट किए गए. दिल्ली में बीते दिन 13.14% पॉजिटिविटी थी. पूरी दिल्ली में और देश मे कोरोना के केस बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में सभी से ये अपील है कि बहुत ज़रूरी हो तभी घर से निकलें और कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें, मास्क ज़रूर लगाएं. वहीं, डबलिंग रेट को लेकर मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से देश और दिल्ली, दोनों ही जगह मामले डबल हो रहे हैं. दिल्ली में कितना है मौतों का आंकड़ा? स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, दिल्ली में केस 13 हज़ार है हालांकि डेथ रेट 2-3 फीसदी के बीच ही है. जितनी भी मौतें हो रही हैं, वो दुखद है. बेड्स की किल्लत का क्या हाल है? सत्येंद्र जैन ने बताया कि अगर आप एप में देखेंगे तो पिछले हफ्ते 6 हज़ार बेड थे, अब 13 हज़ार से भी ज़्यादा बेड हैं. हम लगातार बेड की संख्या बढ़ा रहे हैं. जो नया आदेश दिया है, उसको लागू होने में 3-4 दिन लग जाते हैं. पूरे देश के लिहाज से देखें तो किसी भी प्रदेश में जितने अधिकतम कोविड बेड हैं, उसके दोगुने से भी ज़्यादा दिल्ली में बेड हैं. वेंटिलेटर की कमी पर क्या कहा? स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वेंटिलेटर कोरोना संकट के दौरान सबसे आखिरी टूल है. उससे पहले होम आइसोलेशन, ऑक्सीजन जैसे स्टेज हैं. अभी दिल्ली में वेंटिलेटर की कमी नहीं है. सरकारी एप और ग्राउंड पर स्थिति में अंतर? जमीनी हकीकत पर उठ रहे सवालों को लेकर सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम लगातार नज़र बनाए हुए हैं, एप पर हर दिन में दो बार डाटा अपडेट हो रहा है. कुछ मौकों पर नंबर अपडेट होने में कुछ वक्त लगता है. लेकिन अगर किसी को बेड्स की सही जानकारी लेनी है, तो वो एप देखकर ही अस्पतालों में जाए और वहां पर फोन कर जरूर पता कर ले. सत्येंद्र जैन ने कहा कि जो मरीज है वह सीधा अस्पतालों में फोन करे और बेड को लेकर बात करे. दिल्ली में यहां के मरीजों के साथ-साथ दूसरे राज्यों के मरीजों का भी इलाज चल रहा है. केंद्र सरकार के अस्पतालों की क्या स्थिति है? दिल्ली में केंद्र के बेड्स की स्थिति पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि केंद्र के अस्पतालों में बेड्स की संख्या नहीं बढ़ी है. राज्य सरकार ने केंद्र से बात की है. पिछली पीक में दिल्ली में केंद्र के अस्पतालों में 4100 बेड्स थे, इसबार सिर्फ 1100 हैं. केंद्र-राज्य में तालमेल की कमी पर मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है, क्योंकि केस अचानक बढ़ गए हैं ऐसे में सारी तैयारियां की जा रही हैं. सत्येंद्र जैन ने कहा कि अधिकतर लोग घरों में रुक रहे हैं, ऐसे में अस्पताल के बेड्स की जरूरत अधिक है. कोविड केयर सेंटर्स में कुल 5525 बेड्स हैं, जिनमें से 286 भर गए हैं. टेस्टिंग को लेकर मंत्री क्या बोले? मंत्री ने कहा कि किसी भी शहर में आज तक जितने भी टेस्ट हम कर रहे हैं नहीं किए गए हैं. दिल्ली में लगातार एक लाख से ज्यादा टेस्ट हम कर रहे हैं जो कि किसी भी शहर के हिसाब से दोगुने से भी ज्यादा है. हम बिल्कुल पारदर्शिता बरत रहे हैं, एक लाख टेस्ट में से 70 फीसदी RT-PCR हैं. क्या दिल्ली में लगेगा लॉकडाउन? सत्येंद्र जैन ने कहा कि पिछली बार लॉकडाउन लगाकर देखा था, लॉकडाउन से जो सबसे बड़ी सीख मिली वो यह कि अगर आप मास्क लगाएंगे तो इससे बच सकते हैं. कुछ लोगों का सोचना है कि हमने वैक्सीन लगवा ली अब हमें मास्क की जरूरत नहीं है. लेकिन सच ये है कि अगर आपने वैक्सीन लगवा भी ली है तो भी आपको मास्क जरूर पहनना है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.