दिल्ली: बेलगाम बाइकर्स की स्पीड पर ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे लगाया 'ब्रेक'
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बाइकर्स पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट ने अनोखा प्रयोग किया है. इस प्रयोग के रंग में एक माह तक दिल्ली गेट क्रासिंग चौराहा नजर आएगा. यदि प्रयोग सफल रहा, तो इस व्यवस्था को स्थायी किया जा सकता है.
दिल्ली में बेलगाम बाइकर्स पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अनोखा तरीका अपनाया है, जिससे जेब भी ढ़ीली नहीं होगी, साथ ही चौराहे की सुंदरता में भी चार चांद लगेंगे. दरअसल ट्रैफिक पुलिस द्वारा अनोखे तौर पर कलर और कोन के सहारे से ना केवल धुआं और प्रदूषण कम हो रहा है, बल्कि चौराहे पहले से ज्यादा सुंदर और सुरक्षित हो चुके हैं. दिल्ली गेट क्रासिंग पर अब ट्रैफिक का नजारा शहर के अलग-अलग चौराहों की तुलना में कुछ जुदा है. सुरक्षित इस मायने में कि ट्रैफिक पुलिस ने बैरिकेड और कोन लगाकर ट्रैफिक मूवमेंट को फिक्स कर दिया है, ताकि बाइकर स्टंट ना कर सकें. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि 'खाली पड़ी जगहों पर अलग-अलग रंगों से वेटिंग एरिया बना दिया गया है. वाहन चालक कहां पर रुकेंगे इसके लिए कई जगहों पर मार्किंग की गई है. ये एक महीने तक के लिए ट्रायल किया जा रहा है. एनालिसिस के बाद ये सभी बदलाव स्थायी किए जा सकते हैं.' दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट ने बतौर ट्रायल दिल्ली गेट चौराहे पर बदलाव किया है.नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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