दिल्ली: परोसा गया मीट, झटके का है या हलाल का, रेस्टोरेंट को बताना होगा
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एक ऐसा प्रस्ताव पास किया है, जिसके बाद रेस्टोरेंट को ग्राहकों को परोसे जाने वाले मीट की जानकारी साझा करनी होगी. ये जानकारी रेस्टोरेंट को नगर निगम को देनी होगी. उन्हें बताना होगा कि जो मीट ग्राहकों को दिया गया, वो हलाल है या झटके का.
राजधानी दिल्ली में नगर निगम ने रेस्टोरेंट को लेकर एक नया प्रस्ताव पास किया है. ये प्रस्ताव पास किया है उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने. इस प्रस्ताव के तहत अब रेस्टोरेंट में ग्राहकों को थाली में जो मीट परोसा जा रहा है, उसकी जानकारी नगर निगम को देनी होगी. ये नियम उत्तरी दिल्ली नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी रेस्टोरेंट पर लागू होगा. अब रेस्टोरेंट के बाहर उन्हें ये लिखना जरूरी होगा कि वो जो मीट परोस रहे हैं, वो झटके का है या फिर हलाल का. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने बताया कि कुछ लोग हलाल और झटके से परहेज करते हैं. किसी को झटके का पसंद है तो किसी को हलाल का. और ये लोगों को जानने का हक है कि वो जो खा रहे हैं वो हलाल है या झटका. सिख समुदाय की तरफ से ये मांग सालों से की जा रही थी. उनके यहां नियम है कि वो हलाल मीट नहीं खा सकते. तो वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय में झटके का मीट नहीं खाया जाता. ऐसे में हर धर्म के लोगों को यह मौलिक अधिकार है ये जानने का कि वो कौन सा मीट खा रहे हैं, क्योंकि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है.पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.
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