दिल्ली दंगे: उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित, 14 मार्च को अदालत सुनाएगी फैसला
The Wire
यूएपीए के तहत अक्टूबर 2020 में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर ख़ालिद को गिरफ़्तार किया था. यूएपीए के साथ ही इस मामले में उनके ख़िलाफ़ दंगा करने और आपराधिक साजिश रचने के भी आरोप लगाए गए हैं. जून 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस संबंध में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल, देवांगना कलीता और इक़बाल आसिफ़ तन्हा को ज़मानत दे दी थी.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दौरान दिल्ली दंगों के सिलसिले में एक बड़े षड्यंत्र के मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि खालिद की जमानत याचिका पर आदेश 14 मार्च को सुनाया जाएगा.
आरोपी ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ अपनी बात साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है.
गौरतलब है कि खालिद और कई अन्य लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन पर फरवरी 2020 में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है. इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे.