दिल्ली के दो अस्पतालों में मिले scrub typhus केस, 6 साल का बच्चा भी बीमार
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दिल्ली के अस्पताल में स्क्रब टाइफस मिलने से अलर्ट है. यहां दो बच्चों में स्क्रब टाइफस के लक्षण पाए गए हैं, इनमें से एक बच्चे की उम्र 6 साल है.
देश की राजधानी दिल्ली के दो अस्पतालों में स्क्रब टाइफस के केस मिले हैं. दो बच्चों में स्क्रब टाइफस के लक्षण दिखने के बाद डॉक्टर अलर्ट पर हैं. ये वायरल पहले ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में अपना कहर बरपा चुका है. दिल्ली के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय और आकाश हेल्थकेयर में अभी इनका इलाज चल रहा है. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के डॉक्टर के मुताबिक, जो मरीज आया है, उसका इलाज ओरल मेडिकेशन के जरिए किया जा रहा है. जबकि आकाश हेल्थकेयर में आने वाले बच्चे की उम्र सिर्फ 6 साल ही है. जानकारी के मुताबिक, बच्चे को करीब 2 हफ्ते तक बुखार रहा और बाद में जब ब्लड टेस्ट हुआ तो स्क्रब टाइफस का पता चल पाया. क्या कहते हैं एक्सपर्ट? गुरुग्राम के पारस अस्पताल के डॉ. मनीष मनन के मुताबिक, स्क्रब टाइफस भी आपके शरीर पर एक डेंगू बुखार की तरह ही असर करता है. डॉक्टर के मुताबिक, इसका मोरेलिटी रेट 50 फीसदी तक है और अगर बुखार सही वक्त पर काबू नहीं किया गया, तो बच्चे की मौत भी हो सकती है. PSRI अस्पताल की डॉ. विनिता टंडन के मुताबिक, स्क्रब टाइफस के लक्षण सात से दस दिनों में दिखना शुरू होते हैं. इसमें बुखार, शरीर में दर्द, सिर में दर्द और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. इसके अलावा स्क्रब टाइफस किसी के शरीर को आंतरिक तौर पर नुकसान पहुंचाता है. बता दें कि अभी तक इसके लिए कोई खास दवाई या वैक्सीन नहीं है. लेकिन बच्चों को किसी ऐसी जगह जाने से बचना चाहिए, जहां गंदगी हो और किसी भी तरह से बीमार होने का खतरा बढ़ता हो.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.