दाऊद के गुर्गों को पनाह, बाबरी केस में नाम, खिलाड़ी को मंच पर थप्पड़... इन विवादों में रहा बृजभूषण सिंह का नाम
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Wrestlers Protest: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह कभी अपने बयानों के लिए तो कभी अपनी दबंगई के लिए चर्चा में रहे हैं. आज हम बात बृजभूषण शरण सिंह के उन मामलों की करेंगे जो उनकी दबंगई से ताल्लुक रखते हैं और उनकी छवि बाहुबली नेता के तौर पर बनाते हैं.
उत्तर प्रदेश की सियासत के बाहुबली और पहलवान बृजभूषण शरण सिंह एक बार फिर चर्चा में है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद बृजभूषण शरण सिंह कभी अपने बयानों के लिए तो कभी अपनी दबंगई के लिए चर्चा में रहे हैं. आज हम बात बृजभूषण शरण सिंह के उन मामलों की करेंगे जो उनकी दबंगई से ताल्लुक रखते हैं और उनकी छवि बाहुबली नेता के तौर पर बनाते हैं.
बृजभूषण शरण सिंह के विवादों की बात करें तो एक तरफ कट्टर राम भक्त और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में रहे है. यही वजह है कि बाबरी ढांचे के विध्वंस के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी के साथ जिन 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उसमें बृजभूषण शरण सिंह भी थे. उनको विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में आरोपी बनाया गया था. हालांकि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने साल 2020 में बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
कुश्ती पर दंगल LIVE: पढ़ें लाइव अपडेट्स बृजभूषण शरण सिंह का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी बताया गया और टाडा एक्ट में जेल भी जा चुके हैं. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम कसकर की हत्या करने वाले अरुण गवली गैंग के शूटर शैलेश हाल्दनकर और विपिन की जिन शूटरों ने हत्या की थी, उनको शरण देने का आरोप बृजभूषण शरण सिंह पर लगा था. हालांकि सीबीआई ने जांच में बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी और कोर्ट से भी बृजभूषण शरण सिंह बरी हो गए.
बृजभूषण शरण सिंह पर समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह पर जानलेवा हमले का भी आरोप लगा. 1993 में गोंडा के नवाबगंज कोतवाली क्षेत्र में हुए इस जानलेवा हमले के मामले में भी कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कहा गया कि इस केस में मुख्य गवाह पंडित सिंह कभी गवाही देने नहीं गए और बृजभूषण शरण सिंह ने इसे राजनीतिक साजिश बताया था.
2014 में बृजभूषण शरण सिंह पर अयोध्या के राम जन्मभूमि कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने जांच के बाद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चार्जशीट लगाई और निचली अदालत ने नोटिस भी जारी किया, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह ने इस मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पुलिस की पूरी कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा कि सरकारी आदेश की अवहेलना के मामले में सीधे एफआईआर नहीं हो सकती, सरकारी अधिकारी सिर्फ परिवाद दायर कर सकता है.
मामले की सुनवाई करने के बाद जुलाई 2022 में ही हाई कोर्ट में जस्टिस डीके सिंह की बेंच ने केस को ही रद्द कर दिया. अपराधिक इतिहास की बात करें तो साल 2019 में बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार, उन पर 4 मामले दर्ज हैं लेकिन किसी में भी सजा नहीं सुनाई गई है.
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