
...तो भारतीय होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित? भारत-कनाडा के राजनयिक संकट से वीजा सर्विसेज पर खतरा
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भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध और बिगड़ गए हैं. इसका असर वीजा सर्विसेस पर पड़ सकता है. वीजा सर्विसेस पर असर पड़ने का मतलब है कि इससे सीधे तौर पर भारतीय ज्यादा प्रभावित होंगे.
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट गहरा गया है. भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक वापस जाने को कह दिया है तो कनाडा ने भी भारत के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है.
भारत-कनाडा के बीच इस तनाव से अब वीजा आवेदकों में अनिश्चितता पैदा हो गई है. दोनों देशों के बीच खराब होते संबंधों का असर वीजा प्रक्रियाओं पर पड़ सकता है. माना जा रहा है कि इस राजनयिक संकट से वीजा की संख्या में कटौती हो सकती है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल भारत पर खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे. इसके बाद ही भारत ने कनाडा के दो-तिहाई से ज्यादा राजनयिकों को वापस भेज दिया है. इतना ही नहीं, कनाडा के मिशन में भी कर्मचारियों की संख्या कम हो गई.
पिछले साल जब तनाव बढ़ा था, तब भारत ने एक महीने के लिए कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा निलंबित कर दिया था. यानी, भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगा दी थी.
जानकारी के मुताबिक, भारत का वीजा मांगने वाले ज्यादातर कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिक हैं, जो अपने परिजनों से मिलने के लिए भारत आते हैं. ऐसे में इस प्रतिबंध का सीधा-सीधा असर इन पर पड़ा. हालांकि, जिन भारतीय नागरिकों के पास ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया यानी ओसीआई कार्ड या लॉन्ग टर्म वीजा था, उनका इस पर कोई असर नहीं हुआ.
भारत ने नवंबर 2023 में वीजा सर्विसेस फिर शुरू कर दी थी, लेकिन उसमें भी बिजनेस और मेडिकल वीजा को प्राथमिकता दी गई. जवाब में कनाडा ने भी बेंगलुरु, चंडीगढ़ और मुंबई में वीजा और पर्सनल कॉन्सुलर सर्विसेस को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया था.

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