
तेलंगाना की जेलों में बंद 2 पाकिस्तानी नागरिक सजा पूरी होने पर भी नहीं हो सके डिपोर्ट, PAK ने पहचानने से किया इनकार
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दो पाकिस्तानी नागरिक तेलंगाना की जेलों में वर्षों से बंद हैं, क्योंकि पाकिस्तान उन्हें अपना नागरिक नहीं मान रहा है. दोनों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन डिपोर्टेशन न हो पाने के कारण जेल में ही हैं. तेलंगाना में डिटेंशन सेंटर न होने से उन्हें जेल में रखा गया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
तेलंगाना की जेलों में दो पाकिस्तानी नागरिक पिछले कई वर्षों से सजा पूरी होने के बावजूद बंद हैं, क्योंकि पाकिस्तान उन्हें अपने नागरिक मानने से इनकार कर रहा है. 72 वर्षीय शेर अली केशवानी को 2015 से हैदराबाद की चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में रखा गया है. वह एक जासूसी मामले से बरी हो चुके हैं. इससे पहले उन्हें उत्तर प्रदेश में एक अन्य मामले में सजा हुई थी, जिसकी अवधि उन्होंने 2014 में पूरी कर ली थी. इसके बाद उन्हें आगरा जेल से हैदराबाद लाया गया.
मोहम्मद नज़ीर नेपाल के रास्ते भारत आए थे दूसरा मामला मोहम्मद नज़ीर का है, जो लगभग 55 वर्ष के हैं. वे 2013 में नेपाल के रास्ते भारत आए थे और हैदराबाद में ट्रेडिशनल मेडिसिन मेथड को धोखाधड़ी से अपनाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे. उन्हें पांच साल की सजा हुई थी जो उन्होंने 2018 में पूरी कर ली.
पाकिस्तान ने अपना नागरिक मानने से इनकार किया दोनों मामलों में जेल अधिकारियों ने पाकिस्तान दूतावास के माध्यम से इनकी पहचान की प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान ने उन्हें अपने नागरिक मानने से इनकार कर दिया. इस कारण इन्हें भारत से वापस भेजा नहीं जा सका और अब तक जेल में रखा गया है.
तेलंगाना में कोई अलग डिटेंशन सेंटर नहीं होने की वजह से राज्य सरकार ने इन्हें जेल में ही रखने का आदेश दिया है जब तक इनका डिपोर्टेशन संभव नहीं हो जाता.
तेलंगाना जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'वास्तव में उनकी सजा पूरी हो चुकी है. उन्हें कांसुलर एक्सेस के लिए तिहाड़ जेल (दिल्ली) भेजा गया था, लेकिन पाकिस्तान उन्हें अपना नागरिक नहीं मान रहा है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, वे अपने डिपोर्टेशन तक हिरासत में रहेंगे.'
अधिकारियों ने बताया कि नियमों के अनुसार, एक बार विदेशी नागरिक की सजा पूरी हो जाने के बाद, उन्हें संबंधित दूतावास को सौंपने के बाद उनके मूल देश वापस भेज दिया जाना चाहिए.

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