
तीन साल बाद पति के पास लौटी पत्नी, मिलते ही तोड़ा दम!
AajTak
एक कपल की कहानी ने सोशल मीडिया यूजर्स को भावुक कर दिया है. दरअसल, पति और पत्नी दो अलग-अलग देश के थे. शादी के कुछ ही महीनों बाद कोविड लॉकडाउन की वजह से दोनों अलग-थलग पड़ गए. फिर 3 साल तक नहीं मिल पाए. और जब मिले तो यह उनकी आखिरी मुलाकात बन गई.
एक शख्स को पड़ोसी देश की लड़की से प्यार हो गया. दोनों ने शादी कर ली. लेकिन शादी के कुछ ही महीने के बाद अपने-अपने देश में फंस गए. 3 साल तक वे दोनों एक-दूसरे से नहीं मिल पाए. और अब जब पति-पत्नी मिले तो मुलाकात के दिन ही पत्नी की मौत हो गई.
महिला का नाम निक है. वह 30 साल की थीं. वह रूस की रहनेवाली थीं. निक ने चीन के रहनेवाले 38 साल के ओयांग से शादी की थी. वह दोनों पहली बार साल 2018 में चीन में मिले थे. तब वे दोनों म्यूजिक इंडस्ट्री में काम करते थे. कपल ने अप्रैल 2019 में शादी कर ली थी. इसके बाद कपल सितंबर में निक की मां से मिलने रूस गया था.
निक की मां से मिलने के बाद ओयांग जल्द ही चीन लौट गए थे. कुछ महीनों बाद निक को भी चीन लौटना था. लेकिन कोविड लॉकडाउन की वजह से वह दोनों अपने-अपने देश में ही फंस गए. और एक-दूसरे से मिलने नहीं जा पाए. आखिरकार इसी साल अक्टूबर के अंत में वे दोनों फिर से मिले.
ओयांग ने कहा- हमलोग पांच मिनट तक रोते रहे और एक-दूसरे को गले लगाते रहे. मैं बहुत खुश था. लेकिन फिर घर लौटते समय, रास्ते में दर्दनाक हादसा हो गया.
ओयांग ने बताया कि वे लोग एक्सप्रेसवे से जा रहे थे. तभी पत्नी को सांस लेने में तकलीफ होने लगी. वह निक को तुरंत पास के अस्पताल में ले गए. निक को कार्डियक अरेस्ट आया था. डॉक्टरों ने कहा कि उनके जिंदा बचने का कोई चांस नहीं हैं. लेकिन ओयांग हिम्मत नहीं हारे, वह पत्नी को लेकर 150 किलोमीटर दूर दूसरे अस्पताल में ले गए. उन्होंने कहा- वह कोमा में चली गई. वह एक शब्द भी नहीं बोल पाई.
ओयांग ने बताया कि बचपन से ही उनकी पत्नी को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं थीं. उन्होंने कहा कि चीन आते वक्त फ्लाइट में ही पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी थी. ओयांग ने बताया कि मौत के बाद उन दोनों ने ऑर्गन डोनेशन का फैसला किया था. इसलिए निक की मौत के बाद उनके ऑर्गन्स को डोनेट कर दिया गया. इस फैसले के लिए निक की खूब तारीफ भी हो रही है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







