
डॉक्टर के लॉकर से AK-47, कश्मीर टाइम्स के दफ्तर से कारतूस बरामद... पाकिस्तान-बांग्लादेश की साजिश बेनकाब!
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भारत के सामने सबसे बड़ा खतरा सीमा पार से नहीं, बल्कि देश के भीतर छिपे उन चेहरों से है, जो डॉक्टर और मीडियाकर्मी बनकर व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल से जुड़े हैं. पाकिस्तान के जिहादी तंत्र को मजबूत कर रहे हैं. कश्मीर टाइम्स के दफ्तर और मेडिकल कॉलेज के लॉकर्स में हथियार मिलने के बाद हड़कंप मच गया है.
भारत के लिए पाकिस्तान को सबक सिखाना मुश्किल नहीं है. मुश्किल है देश के भीतर छिपे गद्दारों का सफाया करना. वो लोग जो खुद को भारतीय नागरिक बताते हैं, इस देश की हवा, पानी, शिक्षा और संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं, फिर इसी देश के खिलाफ साजिशें रचते हैं. दो घटनाओं ने इस 'इनसाइड जिहाद' की सच्चाई को खतरनाक तरीके से उजागर कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी ने बुधवार को चर्चित अखबार कश्मीर टाइम्स के कार्यालय पर छापा मारा. वहां जो मिला, उसने पूरे सुरक्षा तंत्र को हिलाकर रख दिया. जांच टीम को ऑफिस से AK-47 राइफ़ल के कारतूस, पिस्तौल की गोलियां और हैंड ग्रेनेड के पिन बरामद हुए हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक मीडिया संस्थान के भीतर इन हथियारों का क्या काम था.
आखिर किसके आदेश पर और किन मकसदों के लिए यहां यह जखीरा जमा किया गया था. जांच एजेंसी ने कश्मीर टाइम्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और उसकी भूमिका को आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा बताया है. हालांकि अखबार के एडिटर्स प्रबोध जामवाल और अनुराधा भसीन इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह कार्रवाई उन्हें डराने के लिए की गई है.
ये घटना इसलिए गंभीर हो जाती है क्योंकि कुछ समय पहले अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक लॉकर से AK-47 राइफल बरामद की गई थी. जांच में खुलासा हुआ कि यह राइफल डॉ. आदिल अहमद राठर की थी, जिसके जरिए डॉक्टरों के टेरर मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. इसी नेटवर्क के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से कई डॉक्टर गिरफ्तार किए गए थे.
इस तरह ये साफ हो गया है कि ये एक 'व्हाइट कॉलर टेरर' है. एक ऐसा नेटवर्क जिसमें शिक्षित और प्रोफेशनल शामिल हो रहे हैं. इसका रिमोट कंट्रोल पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के पास है. वहां के हैंडलर्स भारत में ऐसे मॉड्यूल खड़े कर रहे हैं, जिनकी शक्ल-सूरत आम लोगों जैसी है, लेकिन दिमाग में भारत-विरोधी एजेंडा भरा हुआ है. जेहाद के लिए तैयार हैं.

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