
ट्रेन में आधी रात उठा लेबर पेन..., यात्रियों ने कराई महिला की डिलीवरी, सुबह तक पहुंची मेडिकल टीम
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मुंबई से उत्तर प्रदेश के कानपूर के बीच चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला की अचानक ही डिलीवरी हो गयी. गर्भनाल नहीं कटने से नवजात और मां के सामने मुश्किल खड़ी हो गयी थी लेकिन कुछ घंटों में पहुंची मेडिकल टीम से मदद मिली.
महाराष्ट्र में मुंबई से उत्तर प्रदेश के कानपूर के बीच चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला की अचानक ही डिलीवरी हो गयी. हालांकि, गर्भनाल नहीं कटने से नवजात और मां के सामने मुश्किल खड़ी हो गयी. ऐसे में भोपाल रेलवे हॉस्पिटल की टीम देवदूत बनकर पहुंची और ना केवल गर्भनाल को अलग किया बल्कि ट्रेन में प्राथमिक उपचार देने के बाद जच्चा बच्चा को अस्पताल रैफर कर दिया. अब मां और नवजात दोनों सुरक्षित हैं.
मामला लोकमान्य तिलक-सीतापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन का है. इस ट्रेन में धनीराम और उनकी गर्भवती पत्नी पूजा देवी कानपुर तक की यात्रा कर रहे थे. स्लीपर कोच S-6 में यात्रा कर रही पूजा देवी को भुसावल और भोपाल के बीच, आधी रात 3:30 बजे लेबर पेन होने लगा. ट्रेन में मौजूद महिला यात्रियों की मदद से पूजा देवी की डिलीवरी तो हो गयी लेकिन सवाल यह था कि गर्भनाल कैसे काटें?
इसी दौरान टिकट चेकिंग स्टाफ ने भोपाल मंडल को सूचना दी कि ट्र्रेन के भीतर महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन गर्भनाल अभी तक नहीं कटी है. यह सूचना मिलते ही भोपाल रेलवे अस्पताल से डॉ. आशा चमनिया के नेतृत्व में मेडिकल टीम को भोपाल रेलवे स्टेशन पर भेजा गया. सुबह करीब 6 बजे ट्रेन भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंची, जहां रेलवे स्टाफ और मेडिकल टीम पहले से ही तैयार थी.
मेडिकल टीम ने कोच में जाकर गर्भनाल काटने के साथ ही महिला और नवजात को प्राथमिक चिकित्सा दी और इसके बाद उन्हें व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की मदद से ट्रेन से उतार कर एम्बुलेंस के ज़रिये हमीदिया अस्पताल भेजा गया.
हमीदिया में और बेहतर चिकित्सीय सहायता के बाद महिला और नवजात दोनों की स्थिति बेहतर हुई और बेहतर उपचार के बाद धनीराम, अपनी पत्नी और नवजात को सड़क मार्ग से लेकर अपने घर कानपूर के लिए रवाना हो गए.

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