
ट्रंप कुछ भी कहें, भारत का स्टैंड क्लियर, 'जो देशहित में नहीं है... उसपर डील भी नहीं', जानिए कहां फंसा है पेच
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता अंतिम चरण में पहुंच गई है, लेकिन अभी भी कुछ चीजों को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है. भारत का कुछ चीजों को लेकर अपना स्टैंड क्लियर है. आइए फिर जानते हैं कहां पेंच फंस रहा है.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) अंतिम चरण में है, जिसे लेकर खबर है कि 48 घंटे के अंदर दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है. अमेरिका कोशिश कर रहा है कि भारत उसे एग्रीकल्चर जैसे कुछ सेक्टर्स पर पूरी तरह छूट दे, लेकिन अमेरिका कुछ भी कर ले... भारत इन चीजों पर कभी भी समझौता करने को तैयार नहीं होगा. चाहे इसके लिए उसे हैवी टैरिफ का ही सामना करना पड़े.
48 घंटे के भी भारत-अमेरिका की डील? 9 जुलाई को अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ को रोकने की डेडलाइन (US Tariff Deadline) खत्म हो रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता (India-US Trade Deal) इससे पहले ही पूरी होने की उम्मीद है. दोनों देशों की तरफ से कई बयान सामने आए हैं. ट्रंप का दावा है कि भारत अमेरिका पर बहुत कम टैरिफ (US Tariff) करने जा रहा है. वहीं भारत अपने कुछ प्रोड्क्ट्स पर कतई समझौता नहीं करना चाहता है.
भारत इन शर्तों पर अडिग
कुछ अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करेगा भारत भारत का कहना है कि अमेरिका अगर भारत के साथ चल रहे व्यापार घाटे को कम करना चाहता है तो उसे भारत के कुछ सेक्टर्स के लिए बेहतर माहौल देना पड़ेगा. भारत ने अमेरिका के कुछ प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करने पर विचार रखा है, जिसमें हार्ले-डेविडसन बाइक, बॉर्बन व्हिस्की, इलेक्ट्रिक वाहन और पार्ट्स, लग्जरी कारें और सोलर प्रोडक्ट्स आदि. अब अमेरिका को भारत के लिए कदम बढ़ाना है.
India-US डील में कहां फंस रहा पेंच? अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील पर खबर आई है कि टैरिफ पर डील जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है. Donald Trump ने तो यहां तक दांवा कर दिया है कि भारत अपने टैरिफ के साथ किसी से समझौता नहीं करता है, लेकिन इस बार के ट्रेड वार्ता में टैरिफ में कटौती हो रही है. भारत अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहा है. वहीं भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि भारत अमेरिका के साथ एक अच्छा और बड़ा समझौता करना चाहेगा, लेकिन शर्तें हमारी होंगी. खासकर उन्होंने एग्रीकल्चर-डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर जोर दिया था.













