
टॉय प्लेन से क्यों परेशान हैं पंजाब के गुरुद्वारे? एसजीपीसी को जारी करने पड़े निर्देश
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श्री अकाल तख्त साहिब के निर्देश पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने गुरुद्वारों में खिलौने चढ़ाने की परंपरा को खत्म करने का फैसला किया है. एसजीपीसी ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी गुरुद्वारा प्रबंधकों को एक सर्कुलर जारी किया है.
पंजाब के जिला जालंधर में जहाजों वाले गुरुद्वारे के नाम से मशहूर गुरुद्वारा शहीद बाबा निहाल सिंह तलहन साहिब में अब श्रद्धालु जहाज वाले खिलौने नही भेंट कर सकेंगे. कुछ दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी को यह आदेश दिया था कि अब पंजाब के किसी भी गुरुद्वारा में अब जहाज (खिलौने) न भेंट किये जाये.
संगत (भक्तों) द्वारा गुरुद्वारों में खिलौने चढ़ाने पर प्रतिबंध के संबंध में अकाल तख्त जत्थेदार के आदेश के बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को अपने प्रबंधन के तहत संचालित होने वाले सभी गुरुद्वारा प्रबंधकों को सर्कुलर जारी कर दिया है. एसजीपीसी सचिव की ओर से गुरुद्वारा प्रबंधकों को जारी सर्कुलर में प्रबंधकों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी श्रद्धालु गुरुद्वारे में खिलौने न चढ़ाए.
SGPC ने जारी किया आदेश
एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ गुरुद्वारों में भक्त श्रद्धा के नाम पर खिलौने (विमान) चढ़ाते हैं, जो मर्यादा (सिख आचार संहिता) के अनुरूप नहीं है. उन्होंने प्रचारकों से अकाल तख्त के इस आदेश को व्यापक रूप से जन-जन तक प्रचारित करने की भी अपील की है. स्वर्ण मंदिर और अन्य गुरुद्वारों में प्लेन जैसे खिलौने चढ़ाने के ट्रेंड को रोकने के निर्देश जारी हो चुके हैं और कहा गया है कि लोगों को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा.
क्यों खिलौने चढ़ाते हैं लोग
दरअसल पंजाब में लोग विदेश जाने की चाह में वीजा पाने के लिए गुरुद्वारों में जाकर हवाई जहाज वाले खिलौने चढ़ाते हैं. जालंधर के शहीद बाबा निहाल सिंह तलहन साहिब में भी पिछले कई सालों से भक्त विदेश जाने की चाहत में जहाज वाले खिलौने भेंट कर देते थे.यहां आकर श्रद्धालु मन्नत मांगते थे की अगर उनका विदेश जाने का काम बन गया तो वह यहां पर जहाज भेंट करेगे .कुछ दिन पहले जालंधर स्थित निहाल सिंह गुरुद्वारे से प्लेन चढ़ाने की एक तस्वीर भी सामने आई थी.

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