टूलकिट केस: 26 जनवरी को डिजिटल स्ट्राइक और फिजिकल एक्शन की थी साजिश, दिल्ली पुलिस का दावा
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पुलिस का दावा है कि इस टूल किट का मकसद दुष्प्रचार करना, डिजिटल स्ट्राइक करना, ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना, लोगों में असंतोष पैदा करना और किसान आंदोलन को धार देना था. इसका उद्देश्य इस प्रदर्शन को पूरी दुनिया में ले जाना और भारत के दूतावासों को टारगेट करना था.
टूल किट केस में पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद आलोचना झेल रही दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फेंस कर अपना पक्ष रखा है. दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के ज्वाइंट कमिश्नर प्रेम नाथ ने कहा कि जनवरी महीने में टूलकिट बनाया गया था. पुलिस का दावा है कि इस टूल किट का मकसद दुष्प्रचार करना, डिजिटल स्ट्राइक करना, ट्विटर स्टॉर्म पैदा करना, लोगों में असंतोष पैदा करना और किसान आंदोलन को धार देना था. इसका उद्देश्य इस प्रदर्शन को पूरी दुनिया में ले जाना और भारत के दूतावासों को टारगेट करना था. जूम मीटिंग से प्लानिंगजर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
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बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
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