
झारखंड मुक्ति मोर्चा राष्ट्रपति चुनाव में करेगी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन
AajTak
सोरेन ने झामुमो के सभी सांसदों और विधायकों को 18 जुलाई को मुर्मू को वोट देने का निर्देश दिया. झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सत्तारूढ़ झामुमो के फैसले का स्वागत किया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी. पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन ने गुरुवार को इस बारे में घोषणा की. पहली बार आदिवासी वर्ग की किसी महिला को भारत की राष्ट्रपति बनने का मौका मिलेगा. सोरेन ने झामुमो के सभी सांसदों और विधायकों को 18 जुलाई को मुर्मू को वोट देने का निर्देश दिया.
झारखंड की पूर्व राज्यपाल मुर्मू ने हाल में अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने को लेकर राज्य का दौरा किया था. मुर्मू ने झामुमो प्रमुख और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी.
झामुमो के राज्य विधानसभा में 30 विधायक कांग्रेस की सहयोगी झामुमो के राज्य विधानसभा में 30 विधायक हैं. जबकि झामुमो के समर्थन के बिना भी मुर्मू की जीत सुनिश्चित है. विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी झारखंड से हैं. विश्लेषकों ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी इस दुविधा में थी कि वह "भूमि के पुत्र" या "साथी आदिवासी" का समर्थन करे.
मुर्मू और सोरेन दोनों आदिवासी नेता मुर्मू ने चार जुलाई को झारखंड का दौरा किया था और पार्टी का समर्थन मांगा था. मुर्मू और सोरेन दोनों आदिवासी नेता हैं और संथाल जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं. जिसकी झारखंड के साथ-साथ पड़ोसी ओडिशा में भी बड़ी आबादी है. झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सत्तारूढ़ झामुमो के फैसले का स्वागत किया है.
केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने एक ट्वीट में कहा, "दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री @ हेमंत सोरेन जी को धन्यवाद."
आज भोपाल दौरे पर मुर्मू द्रौपदी मुर्मू 15 जुलाई यानी आज भोपाल दौरे पर रहेंगी. मुर्मू दोपहर 2.30 बजे भोपाल पहुंचेंगी. राजधानी में स्टेट हैंगर पर उनका पारंपरिक तरीके से भव्य स्वागत किया जायेगा. स्वागत के बाद द्रौपदी मुर्मू मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सांसद और विधायकों से मुलाकात करेंगी. शाम 6 बजे द्रौपदी मुर्मू दिल्ली रवाना हो जाएंगी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







