जेल में कैदियों के पास मिला मोबाइल तो बढ़ सकती है तीन साल की जेल, सरकार बना रही नए अधिनियम
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इस कानून के लिए तैयार विधेयक के प्रारूप में मादक पदार्थों के आदी, पहली बार जेल आए कैदी, उच्च जोखिम वाले अपराधियों और विदेशी कैदियों के लिए अलग अलग प्रावधान होंगे.
जेलों में आए दिन कैदियों के पास से मोबाइल सेल फोन मिलते रहते हैं. इसके कानूनी उपाय के रूप में सरकार नए कानून का मसौदा संसद के शीतकालीन सत्र में ला सकती है. गृह और विधि मंत्रालय के तालमेल से जेल कानून में बदलाव के नए विधेयक के मुताबिक कारावास के दौरान कैदी के पास से नशीले पदार्थ, अस्त्र या मोबाइल फोन मिलने पर उनकी सजा में तीन साल तक का इजाफा हो सकता है.
इस कानून के लिए तैयार विधेयक के प्रारूप में मादक पदार्थों के आदी, पहली बार जेल आए कैदी, उच्च जोखिम वाले अपराधियों और विदेशी कैदियों के लिए अलग अलग प्रावधान होंगे.
इन प्रावधानों के अतिरिक्त कैदियों को सशर्त छुट्टी देने की भी बात चल रही है. शर्त ये होगी कि वो छुट्टी के दौरान हर समय इलेक्ट्रोनिक ट्रेकिंग की मशीन गले में पहने रहेंगे ताकि जेल प्रशासन उन पर चौबीस घंटे निगहदारी रख सके. विधेयक के मसौदे के मुताबिक तकनीक के जरिए निगरानी का काम होगा.
जिन चीजों पर जेल में पाबंदी है उनकी तलाशी के लिए औचक अभियान बढ़ाए जाएंगे. प्रतिबंधित वस्तु मिलने या आपत्तिजनक बरताव पर कैदी को सजा के दौरान दी जाने वाली छुट्टी या रियायत रद्द हो जाएगी. वो भविष्य में इस कानूनी सुविधा से वंचित और अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे.
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