
जानें, केरल की चुनावी जंग में लेफ्ट बचा पाएगा अपना आखिरी किला कांग्रेस की होगी वापसी
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केरल विधानसभा चुनाव में 140 सीटों पर 957 प्रत्याशी मैदान में है. चुनावी जंग सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच लड़ाई मानी जा रही हैं जबकि बीजेपी ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इस बार अपनी सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद करते नजर आए तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यूडीएफ की सत्ता में वापसी के लिए मोर्चा संभाल रखा था.
केरल विधानसभा चुनाव की कुल 140 सीटों पर 957 प्रत्याशी मैदान में है, जिनकी किस्मत का फैसला मंगलवार को तय होना है. इस बार केरल की चुनावी जंग सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के बीच मानी जा रही हैं जबकि बीजेपी ने इस मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हालांकि, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन इस बार अपनी सत्ता को बचाए रखने की जद्दोजहद करते नजर आए तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यूडीएफ की सत्ता में वापसी के लिए मोर्चा संभाल रखा था. ऐसे में देखना है कि इस बार केरल की चुनावी जंग में कौन किस पर भारी पड़ता है. किसने कितनी सीटों पर मैदान में प्रत्याशी उतारे हैं केरल के विधानसभा चुनाव में 140 सीटों पर 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इन 140 सीटों में से 14 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. यूडीएफ गठबंधन में कांग्रेस ने 93 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि उसकी सहयोगी यूनियन मुस्लिम लीग 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा केरल कांग्रेस (जोसेफ) 10, आरएसपी 5 सीटों और बाकी 7 सीटों पर अन्य सहयोगी दलों ने प्रत्याशी उतारे हैं.
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