
जातिगत जनगणना, पुरानी पेंशन, ओबीसी... हार के बावजूद इन मुद्दों पर जनता की अस्वीकृति नहीं मानती कांग्रेस
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कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी और इंडिया ब्लॉक जल्द ही लोगों के सामने बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सकारात्मक एजेंडे पर काम करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि हालिया चुनाव परिणामों को जाति-जनगणना, ओबीसी और ओपीएस जैसे मुद्दों की अस्वीकृति के रूप में नहीं देखा जा सकता है.
तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने अपनी हार को लेकर समीक्षा बैठक की है. बैठक में कई कारणों पर चर्चा के साथ मुद्दे उठाने को लेकर भी तर्क किए गए हैं. हालांकि सामने आया है कि, कांग्रेस तीनों राज्यों में हुई हार के लिए जाति जनगणना और पुरानी पेंशन योजना जैसे मुद्दों को जिम्मेदार नहीं मानती, बल्कि कांग्रेस हार को इन मुद्दों की 'अस्वीकृति' के रूप में भी नहीं देखती है. बता दें कि पार्टी ने हाल ही में हारे हुए राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी और इंडिया ब्लॉक जल्द ही लोगों के सामने बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सकारात्मक एजेंडे पर काम करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि हालिया चुनाव परिणामों को जाति-जनगणना, ओबीसी और ओपीएस जैसे मुद्दों की अस्वीकृति के रूप में नहीं देखा जा सकता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि, आगामी 19 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली इंडिया ब्लॉक बैठक के दौरान सीटों का बंटवारा, न्यूनतम साझा कार्यक्रम का मसौदा तैयार करना और संयुक्त रैलियां एजेंडे में प्रमुख होंगी.
जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस लोकसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी के मजबूत व्यक्तित्व का मुकाबला कैसे करेगी, तो नेता ने कहा, 'मैं नहीं, हम', जो विपक्षी दलों के सामूहिक रूप से पीएम का मुकाबला करने के इरादे का संकेत देता है.
सनातन विवाद कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि पार्टी ने डीएमके सांसद की गौमूत्र टिप्पणी पर बहुत कड़ा विरोध किया और एक बयान जारी करने ही वाली थी कि सदन में यह टिप्पणी की गई. हालाँकि, जब तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सांसद से खुद को स्पष्ट करने और अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने को कहा था, तो कांग्रेस हैरान रह गई थी. कांग्रेस ने इस मामले पर अपनी नाराजगी और गंभीर आपत्ति जताई है और डीएमके से भविष्य में इस तरह के बयान देने से परहेज करने को कहा है.
2024 के अभियान के दौरान क्या होगा खास? सबसे पुरानी पार्टी सहयोगियों के साथ मतदाताओं तक पहुंचकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की 10 वर्षों की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देगी और बढ़ती आर्थिक असमानता, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और मौजूदा सरकार के आधिकारिक दृष्टिकोण के बारे में अभियान चलाएगी. हालाँकि, कांग्रेस नेताओं का मानना है कि विपक्ष को पीएम मोदी-अमित शाह के रथ को रोकने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए.

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चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

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