जस्टिस एएम खानविलकर SC से रिटायर, ऐसा रहा वकील से सुप्रीम कोर्ट के जज तक का सफर
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सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस एएम खानविलकर रिटायर हो गए हैं. युवावस्था में एक धावक रहे जस्टिस खानविलकर ने सौ किलोमीटर दौड़ लगाई थी. साल 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए जस्टिस खानविलकर कई महत्वपूूर्ण फैसले देने वाली बेंच का हिस्सा रहे. सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन ने जस्टिस खानविलकर के लिए विदाई समारोह आयोजित कर उन्हें विदाई दी.
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज जस्टिस एएम खानविलकर शुक्रवार को रिटायर हो गए. उन्होंने 40 साल पहले वकालत से कॅरियर की शुरुआत की थी. जबकि 22 साल से जज के रूप में सेवाएं दे रहे थे. जस्टिस खानविलकर सुप्रीम कोर्ट में 6 साल से पदस्थ थे. जस्टिस खानविलकर युवा अवस्था में अच्छे धावक भी थे. उन्होंने 100 किमी तक दौड़ लगाई थी.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से विदाई समारोह आयोजित किया गया. इस दौरान जस्टिस खानविलकर ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 'प्यार और स्नेह' के लिए धन्यवाद दिया. 30 जुलाई 1957 को पुणे में जन्मे जस्टिस खानविलकर ने मुंबई के एक लॉ कॉलेज से एलएलबी किया. उन्होंने फरवरी 1982 में एक वकील के रूप में सेवाएं देना शुरू किया. बाद में 29 मार्च 2000 को वे बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किए गए.
2016 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने थे
खानविलकर को 4 अप्रैल 2013 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस और बाद में 24 नवंबर, 2013 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था. जस्टिस खानविलकर को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया. उन्होंने 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में पदभार संभाला था.
सुप्रीम कोर्ट में 6 साल सेवा दी
जस्टिस खानविलकर अपनी युवावस्था में एक उत्साही धावक थे. यहां तक कि उन्होंने मुंबई से अलीबाग तक, लगभग 100 किलोमीटर दौड़ लगाई थी. जस्टिस खानविलकर ने अपने सेवाकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने वाली बेंच का भी हिस्सा रहे.
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