
जयशंकर का US को जवाब! रूसी विदेश मंत्री के सामने बोले- जिससे फायदा होगा, उससे खरीदेंगे तेल
AajTak
विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर रूस गए हुए हैं. उन्होंने मंगलवार को अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की है. रूस से तेल न खरीदने के पश्चिमी देशों के दबाव के बीच भारत की रूस के साथ यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की.
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की. दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने को लेकर पश्चिमी देशों के दबाव पर कहा कि भारत और रूस का रिश्ता बहुत पुराना और मजबूत है. उन्होंने कहा कि तेल आपूर्ति को लेकर एनर्जी मार्केट पर दबाव है, लेकिन भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल और गैस का उपभोक्ता है.
उन्होंने कहा कि यह भारत का मौलिक दायित्व है कि वह अपने उपभोक्ता को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचा सके. भारत के रूस के साथ काफी हित जुड़े हैं और मैं इसीलिए यहां आया हूं. मालूम हो कि विदेश मंत्री दो दिनी यात्रा पर रूस गए हुए हैं.
जयशंकर ने कहा- इस साल हम 5वीं बार मिल रहे हैं. मुझे लगता है कि यह हमारी दीर्घकालिक साझेदारी और महत्व को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भारत और रूस इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार का विस्तार कैसे किया जाए. हम स्वाभाविक रूप से व्यापार असंतुलन को लेकर चिंतित हैं. भारतीय निर्यात में आने वाली बाधाओं को कैसे दूर किया जाए, इस पर भी रूस से बात की है.
अफगानिस्तान की स्थिति को ना भूले दुनिया
एनआईए के मुताबिक विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान की स्थिति को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि आज उसे वह ध्यान नहीं मिल रहा है, जिसका वह हकदार है. भारत ने अफगानिस्तान को भोजन, दवाएं, वैक्सीन उपलब्ध कराए हैं. हम अफगान के लोगों को सपोर्ट करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के पास अफगानिस्तान से ऑपरेट होने वाले आतंकवाद और आतंकवादियों को लेकर चिंता करने की है.
यूक्रेन संघर्ष, आतंकवाद पर भी हुई चर्चा

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







