
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी कलह तेज, भूपेश बघेल के बाद अब कवासी लखमा की उम्मीदवारी का विरोध
AajTak
राजनांदगांव से भूपेश बघेल की लोकसभा उम्मीदवारी के खिलाफ कांग्रेसी नेताओं की तरफ से असंतोष जताया गया था. इसके बाद अब पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा की टिकट काटने की मांग की गई है. इस बारे में कांग्रेस नेता ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर बस्तर से उनकी उम्मीदवारी कैंसिल करने की मांग की गई है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी कलह तेज होती जा रही है. राजनांदगांव से भूपेश बघेल की लोकसभा उम्मीदवारी के खिलाफ कुछ कांग्रेस नेताओं की तरफ से असंतोष जताया गया था. इसके बाद अब बस्तर से उम्मीदवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ एक और कांग्रेस नेता का पत्र सामने आया है.
यह पत्र एआईसीसी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा गया है. इसमें भ्रष्टाचार को कारण बताते हुए कवासी लखमा का नामांकन वापस लेने की मांग की गई है. बताते चलें कि कांग्रेस ने 8 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी. पार्टी ने इस लिस्ट में 39 नामों का ऐलान किया था, जिसमें से छह उम्मीदवार छत्तीसगढ़ के थे.
यह भी पढ़ें- चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के खिलाफ FIR दर्ज, महादेव बेटिंग ऐप मामले में एक्शन
बघेल की टिकट काटने की हुई थी मांग
राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कांग्रेस ने मैदान में उतारा था. इसके बाद से ही कांग्रेसी नेता उनका विरोध करने लगे थे. बताया जा रहा है कि दिग्गज कांग्रेस नेता रामकुमार शुक्ला ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर भूपेश बघेल का टिकट काटने की मांग की थी.
उन्होंने पत्र में लिखा था कि महादेव सट्टा एप को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से कांग्रेस की बदनामी हुई है. भूपेश बघेल के कारण लोकसभा की सभी सीटें प्रभावित हो रही हैं. लिहाजा, राजनांदगांव लोकसभा सीट से भूपेश बघेल की जगह स्थानीय नेता को टिकट दी जाए.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










