
चेहरे पर मुस्कुराहट...विपक्षी एकता पर बात, जानिए राहुल-नीतीश की इस बैठक के मायने
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अहम मुलाकात की है. कहा जा रहा है कि 45 मिनट लंबी इस मुलाकात के दौरान 2024 के चुनाव को लेकर मंथन किया गया. विपक्षी एकता पर भी चर्चा की गई. इस बात पर सहमति भी बनी कि समान विचारों वाली पार्टियों को आगामी चुनाव के लिए साथ लाया जाएगा.
2024 के चुनाव को लेकर विपक्ष सक्रिय हो गया है. अगर बीजेपी एक तरफ हारी हुई सीटों पर बाजी पलटने की रणनीति तैयार कर रही है, तो विपक्ष का खेमा भी एकजुट होने की कवायद में लग गया है. इस समय इस कवायद की सबसे बड़ी कड़ी हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिन्होंने पिछले महीने ही बिहार में ऐसा सियासी खेला किया कि बीजेपी को एक राज्य में सत्ता से ही बेदखल कर दिया गया. अब वो नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर आए हैं. दिल्ली में भी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है.
फिर विपक्षी एकता का नारा बुलंद
राहुल गांधी के साथ भी नीतीश कुमार की जो बैठक हुई है, उसमें विपक्षी एकता पर खासा जोर दिया गया. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बात पर सहमति बनी है समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ आना होगा. बीजेपी के खिलाफ एकजुट विपक्ष को चुनौती पेश करनी होगी. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब विपक्षी एकता की बात की गई हो. इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की थी. बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने के बाद उनका कद काफी ज्यादा बढ़ गया था. लेकिन फिर बाद में ईडी-सीबीआई की जांच में उनके मंत्री ऐसे फंसे कि उनकी दावेदारी और सक्रियता दोनों कम हो गई.
ममता ने की कोशिश, अब नीतीश की बारी
बीच में कुछ समय के लिए महाराष्ट्र की राजनीति से भी ऐसे संकेत मिले थे कि वहां शरद पवार भी विपक्षी एकजुटता में लगे हुए थे. लेकिन एकनाथ शिंदे ने बगावत की और महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी को ही सत्ता से बाहर कर दिया. ऐसे में बंगाल और महाराष्ट्र के बाद बिहार में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ. नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया. उन्होंने तेजस्वी यादव से हाथ मिलाया, फिर महागठबंधन के साथ जाने का ऐलान किया और फिर आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली.
नीतीश के उस एक फैसले ने बिहार की राजनीति में बड़ा परिवर्तन ला दिया. जेडीयू इतनी आत्मविश्वास से भर गई कि उसने नीतीश कुमार को बतौर पीएम उम्मीदवार पेश करना शुरू कर दिया. एक पोस्टर पॉलिटिक्स के तहत पटना की सड़कों पर जगह-जगह नीतीश की होर्डिंग लगा दी गईं, कहा गया कि जुमला नहीं ये हकीकत है. ऐसे में इन तमाम अटकलों के बाद नीतीश कुमार दिल्ली आए और उन्होंने राहुल गांधी से बात की.

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