
चीन में दवा को तरस रही जनता, सिरदर्द की गोली Ibuprofen का कोटा फिक्स, कोरोना से हाहाकार
AajTak
न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का लीडर बनने का दावा करने वाला चीन कोरोना से इस कदर घिरा है कि ये देश अभी अपनी आबादी को सिर दर्द, बदन दर्द और बुखार की मामूली गोली ibuprofen भी मुहैया नहीं करवा पा रहा है. चीन का आधिकारिक मीडिया कहता है दो शहरों में रोजाना ibuprofen की 50 लाख गोलियां सप्लाई की जा रही है, बावजूद इसके किल्लत पूरी नहीं हो पा रही है.
चीन में महाविकराल रूप धर रहा कोरोना ने चीन की जनता को पस्त कर दिया है. चीन में हालत ये है कि लोगों पेन किलर की गोली तक नहीं मिल रही है. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद चीन में बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द को दूर में काम आने वाली आईबुप्रोफेन (ibuprofen) की मामूली गोली भी नहीं मिल रही है. ये वही गोली है जिसे भारत में आप बड़े आराम से दवा की दुकान में जाकर खरीदते हैं.
लेकिन चीन में हालात ये कि अब Ibuprofen टैबलेट का कोटा फिक्स करना पड़ा है. एक व्यक्ति दवा दुकान में एक निश्चित सीमा से ज्यादा आईबुप्रोफेन के टैबलेट नहीं खरीद सकता है.
रोजाना 20 लाख गोलियां मार्केट में, लेकिन एक व्यक्ति को 6 ही मिलेंगे
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार पूर्वी चीन के जियांग्सू राज्य की राजधानी नानजिंग में आईबुप्रोफेन की किल्लत दूर करने के लिए स्थानीय प्रशासन रोजाना 20 लाख गोलियां मार्केट में उतारने जा रहा है. ये दवा सोमवार से मिलनी शुरू हो गई है. लेकिन आईबुप्रोफेन टैबलेट की किल्लत को इसी बात से समझा जा सकता है कि यहां एक ग्राहक को इस दवा के 6 टैबलेट ही दिए जाएंगे.
बता दें कि इस वक्त चीन में कोरोना के केस रॉकेट की रफ्तार से बढ़ रहे हैं. चीन में अभी कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट BA.5.2 और BF.7 तबाही मचा रहा है. कोरोना का ये वैरिएंट बेहद संक्रामक है और बड़ी तेजी से फैलता है. दुनिया के एक नामी महामारी विशेषज्ञ एरिक फिगल डिंग (Eric Feigl-Ding) ने चेतावनी दी है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना की चपेट में आने वाली है. लगभग 1.5 अरब की आबादी वाले चीन के लिए 60 फीसदी का ये आंकड़ा कितने लोगों को कोरोना की गिरफ्त में सकता है ये अनुमान लगााना ही डरावना है.
न तो आईबुप्रोफेन मिला, न एस्पिरिन और न ही विटामिन सी की गोली

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







