चीन में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का इस कंपनी से भी लिंक, अबतक नहीं लगा कोई प्रतिबंध, रिपोर्ट में खुलासा
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शिनजिंयाग क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश Dahua और Hikvision जैसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. अब तक गैर-प्रतिबंधित रही चीनी कंपनी Tiandy पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की निगाहें गई हैं.
चीन में उइगर मुस्लिमों के अधिकारों के उल्लंघन और उनके खिलाफ अत्याचार की खबरें लगातार आती रहती हैं. संयुक्त राष्ट्र की ओर से भी कहा जा चुका है कि चीन में उइगर मुस्लिमों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा जाता है, उनसे जबरन श्रम कराया जाता है. इस बीच एफडीडी रिपोर्ट में कहा गया है कि उइगरों पर कार्रवाई के लिए जिम्मेदार चीन की चौथी सबसे बड़ी सीसीटीवी कंपनी टियांडी इतने लंबे समय तक लोगों की नजरों से दूर रहने में कामयाब रही.
शिनजिंयाग क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश Dahua और Hikvision जैसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. अब तक गैर-प्रतिबंधित रही चीनी कंपनी Tiandy पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की निगाहें गई हैं. ईरानी सरकार के फेशियल डिटेक्शन तकनीक के कार्यान्वयन पर एक हालिया बयान ने इसे और पुख्ता कर दिया है कि Tiandy आने वाले दिनों में खोज में ऑपरेटरों में से एक हो सकता है.
कुछ समय पहले तक चीनी क्लोज-सर्किट टेलीविज़न (CCTV) निर्माताओं को ब्रिटेन सहित दुनिया भर के कुछ प्रमुख देशों द्वारा टारगेट किया जा रहा था. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कुछ ही सप्ताह पहले "संवेदनशील क्षेत्रों" के आसपास चीनी निगरानी कैमरों की उपस्थिति पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी उसी का पालन करते हुए Huawei सहित अमेरिका में कई चीनी निगरानी कंपनियों के उत्पादों की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध लगा दिया.
अमेरिका की संस्था फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज (FDD) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, चीन की चौथी सबसे बड़ी सीसीटीवी कंपनी Tiandy के प्रोडक्ट बेरोकटोक बिकते रहे. एफडीडी की स्थापना दो दशक पहले हुई थी. ऑनलाइन सर्च के नतीजे बताते हैं कि टियांडी के उपकरण भारत में भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. सीसीटीवी कंपनियों के निर्माण में खुद को 7वें स्थान पर रखने वाली Tiandy कंपनी के उपकरण अबतक 60 देशों में उपयोग किए जा रहे हैं. इसकी स्थापना साल 1998 में हुई थी. अमेरिका आधारित फेमस इंटेल कॉर्प कंपनी सुरक्षा के क्षेत्र में इसकी साझेदार है.
CCTV से हो जाती है नस्लीय पहचान