
चीन के विवादित नक्शे को लेकर भारत की तरह अब इन दो देशों ने भी जताई नाराजगी, सुनाई खरी-खरी
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चीन ने 2023 के लिए अपना नया स्टैंडर्ड मैप जारी किया है जिसमें उसने कई देशों के क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताया हैेे. मैप में भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन ने अपने हिस्से के रूप में पेश किया है. चीन ने फिलीपींस और मलेशिया के समुद्री क्षेत्रों को भी अपना बताया है जिसे लेकर दोनों देश भड़क गए हैं.
चीन के कथित 'स्टैंडर्ड मैप' पर भारत की तरह ही फिलीपींस और मलेशिया ने भी भारी आपत्ति जताई है. चीन ने अपने मैप में पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन क्षेत्र को भी चीन के हिस्से के रूप में दिखाया है जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. वहीं, फिलीपींस ने कहा है कि वो चीन के हालिया मैप को अस्वीकार करता है जो कई देशों के हिस्सों के चीनी क्षेत्र बता रहा है. फिलीपींस का साथ देते हुए मलेशिया ने भी चीन के नए मैप को खारिज कर दिया है जो उसके समुद्री क्षेत्र को अपना बता रहा है.
मलेशिया ने एक बयान में कहा है कि नया मैप चीन की आक्रामकता का एक रूप है. बुधवार को मलेशिया के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि नए मैप में दक्षिण चीन सागर के मलेशिया के तट पर चीन ने अपना दावा पेश किया है.
मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उनका देश इस मैप को नहीं मानता है. बयान में दक्षिण चीन सागर मुद्दे को 'जटिल और संवेदनशील' बताते हुए कहा कि इस तरह के विवादों को बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण और तर्कसंगत तरीके से सुलझाने की जरूरत है.
दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है चीन
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा पेश करता है. दक्षिण चीन सागर व्यापार के लिहाज से बेहद अहम है क्योंकि इसके जरिए सलाना खरबों डॉलर का व्यापार होता है. एक अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यह स्पष्ट कह दिया है क चीन के दक्षिण चीन सागर पर अधिकार के दावे का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, बावजूद इसके चीन अपने दावे से पीछे नहीं हटा है.
दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों पर मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई भी अपने-अपने दावे करते हैं. वहीं, अमेरिका भी अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता का दावा करने के लिए दक्षिण चीन सागर के माध्यम से नौसेनिक जहाज भेजता रहता है.

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