चीन का बिगड़ा गेम! पढ़ें- उन दो गलियारों के फायदे, जिनका मोदी-बाइडेन ने G20 में किया ऐलान
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संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है.
जी20 समिट के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान भारत मध्य पूर्व यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर भी लॉन्च हुआ. इस लॉन्च इवेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जियो मेलोनी व अन्य नेता मौजूद रहे.
चीन की परियोजना का विकल्प, देगा टक्कर भारत और अमेरिका ने इस आर्थिक गलियारे की घोषणा की, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देते हुए सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर जोर दिया. नए आर्थिक गलियारे को चीन की Belt and Road Initiative के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है.
कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण की पहल संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे एशिया, अरब की खाड़ी और यूरोप के बीच बढ़ी हुई कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण के माध्यम से आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने की उम्मीद है.
पीएम मोदी ने कही ये बात पीएम मोदी ने कहा कि, हमारा मानना है कि विभिन्न देशों के बीच संपर्क से न केवल व्यापार बढ़ता है बल्कि उनके बीच विश्वास भी बढ़ता है. कनेक्टिविटी पहल को बढ़ावा देकर, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि हम दर्शन से चिपके रहें. इनमें अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना शामिल है.
आज हम सब एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समझौते के साक्षी बने हैं. आने वाले समय में यह भारत, पूर्वी एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का एक प्रभावशाली माध्यम बनेगा। यह पूरी दुनिया को कनेक्टिविटी और विकास के लिए एक स्थायी दिशा प्रदान करेगा.
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