चीन का दोहरा चरित्र... कोरोना आपदा में मदद का बढ़ाया हाथ, चुपके से पूर्वी लद्दाख में बढ़ा दी सैन्य गतिविधि
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पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के किनारे के आस-पास वाले क्षेत्र पर चीनी सैनिक डटे हुए थे. कई महीनों की तनातनी के बाद पिछले दिन भारत और चीन के बीच लद्दाख में विवादित क्षेत्रों से पीछे जाने को लेकर रजामंदी हो गई थी.
कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. कई देश इस दुख की घड़ी में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं. पड़ोसी देश चीन एक तरफ भारत के प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सहानुभूति प्रकट करता है और इस दुख की घड़ी में यथासंभव मदद का वादा करता है. वहीं दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख में दबे पांव एक बार फिर से अपनी पोजिशन भी मजबूत कर रहा है. जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना ने अपनी उपस्थिति एक बार फिर से मजबूत कर ली है. इतना ही नहीं, उन्होंने पूर्वी लद्दाख के भीतरी इलाकों में स्थायी आवास और डिपो बना लिया है. यानी बातचीत के बीच चीन एक बार फिर से आक्रामक शैली में नजर आ रहा है. फरवरी महीने में हुई बातचीत के बीच जिस तरह से दोनों देशों ने पैंगोंग त्सो से अपनी सैन्य टुकड़ी को वापस बुलाया था उसके बाद धीरे धीरे मामला शांत होने की उम्मीद जगी थी.पुणे के हिट एंड रन केस में आज कई खुलासे हुए. अब पुणे पुलिस उस आदेश की भी जांच कर रही है जिसमें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी को हादसे पर निबंध लिखने की सजा देकर घर जाने दे दिया था. पुलिस ये पता लगा रही है कि क्या ऐसी सजा बोर्ड ने अपनी मर्जी से सुनाई या उस बोर्ड के सदस्य पर किसी का कोई प्रभाव था. देखें रणभूमि.
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