चाइनीज कोरोना वैक्सीन है कम असरदार, चीन के टॉप हेल्थ अधिकारी ने ही खोली पोल
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चीन की दवा निर्माता कंपनी Sinovac और सिनोपार्म Sinopharm द्वारा बनाए गए टीके, कई देशों में निर्यात किए गए हैं. लेकिन इस बीच चीनी कोरोनावायरस वैक्सीन को लेकर खुलासा हुआ है कि उसकी प्रभावशीलता कम है.
चीनी कोरोनावायरस वैक्सीन को लेकर खुलासा हुआ है कि उसकी प्रभावशीलता कम है. ऐसे में चीनी सरकार इसकी प्रभावशीलता की दर बढ़ाने के लिए COVID-19 वैक्सीन को मिक्स करने, डोज बढ़ाने और वैक्सीन लगाए जाने के तरीकों आदि पर विचार कर रही है. चीनी वैक्सीन की कम प्रभावशीलता के बारे में खुद वहां के टॉप हेल्थ अधिकारी ने बयान दिया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चाइना सेंटर फॉर डिजीज गाओ फू चेंगदू शहर में शनिवार को एक सम्मेलन में बोल रहे थे. यहां उन्होंने कहा कि चीनी वैक्सीन की बहुत उच्च सुरक्षा दर नहीं है. ऐसे में क्या अब हमें टीकाकरण प्रक्रिया के लिए अलग-अलग वैक्सीन का उपयोग करना चाहिए. टॉप हेल्थ अधिकारी ने कहा है कि चाइनीज कोरोना वैक्सीन कम असरदार हैं और सरकार इसे और अधिक प्रभावी बनाने पर विचार कर रही है.रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पिछले हफ्ते मॉस्को के बाहरी इलाके में मौजूद क्रोकस सिटी हॉल में हुआ घातक हमला इस्लामी आतंकवादियों द्वारा किया गया है. हालांकि, पुतिन ने मामले में यूक्रेन को क्लीन चिट नहीं दी है. पुतिन ने कहा कि ये यूक्रेन के लिए भी फायदेमंद था और हो सकता है कि कीव ने इसमें भूमिका निभाई हो. उन्होंने ये टिप्पणी आतंकी हमले के जवाब में रूस द्वारा हुई एक मीटिंग के दौरान की. इससे पहले फ्रांस ने अमेरिका के हां में हां मिलाते हुए कहा कि, खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि हॉल में हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेट जिम्मेदार है. आपको बता दें कि इस हॉल में 4 आतंकियों ने घुसपैठ की और करीब 140 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई.
ईरान के जुर्माने से बचने के लिए पाकिस्तान ने उठाया ये कदम तो अमेरिका ने दी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी
अमेरिका ने पाकिस्तान को पाक-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना को लेकर चेतावनी दी है. अमेरिका ने पाकिस्तान को इस परियोजना को रोकने की सलाह दी है. अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. इस प्रोजेक्ट को लेकर मई 2009 में पाकिस्तान और ईरान के बीच समझौता हुआ था.
अमेरिका के बाल्टीमोर में पटाप्सको नदी पर 1977 का एक ब्रिज कार्गो शिप के टकरा जाने से ढह गया. इस हादसे के वक्त कई वाहन ब्रिज पर थे जो नदी में गिर गए. कुछ लोग लापता हैं जिनक तलाश की जा रही है. दो लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जिसमें एक की हालत गंभीर है. हादसे के वीडियो के आधार पर एक्सपर्ट ने हादसे की चार वजह बताई है.