ग्राउंड रिपोर्टः ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर न जागरूकता, न उत्सुकता, कैसे हारेगा कोरोना?
AajTak
देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन को लेकर न ही जागरूकता है और न ही उत्सुकता. गांव वाले कहते हैं कि उन्हें वैक्सीन की जरूरत ही नहीं है.
"मुझे वैक्सीन की क्या जरूरत है? मैं रोज कड़ी धूप में मेहनत करती हैं. भारी सामान उठाती हूं. मुझे नहीं लगता कि मुझे वैक्सीन की जरूरत है." ये कहना है सुनीता का. सुनीता पालघर के एक छोटे से गांव मनोर की रहने वाली हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी वैक्सीन लगवाने के बारे में सोचा है, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, "जो लोग घर में रहते हैं और बाहर नहीं जाते, वो संक्रमित होते हैं. हम लोग तो बाहर जाते हैं. काम करते हैं. इसलिए हमें वैक्सीन की जरूरत नहीं है." इस गांव में सुनीता अकेली नहीं हैं, जिनकी वैक्सीन को लेकर ऐसी सोच है. पालघर के ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर घरों में वैक्सीन को लेकर इसी तरह की सोच रखते हैं. इंडिया टुडे ने पालघर के इन ग्रामीण इलाकों का दौरा किया और ये जानने की कोशिश की कि इन इलाकों में वैक्सीनेशन किस तरह चल रहा है.‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.