
गैंगस्टर की शादी, लेडी डॉन दुल्हन और 250 पुलिसवालों का सुरक्षा घेरा... 6 घंटे में मंडप से ऐसे हुई 'दूल्हे' की विदाई
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पैरोल की मोहलत से एक घंटा पहले काला जठेड़ी का काफिला जेल से बाहर निकाला गया था. ताकि अदालत ने शादी के लिए जो 6 घंटे दिए हैं, वो पूरे छह घंटे उसके हिस्से में आएं. जठेड़ी का काफिला जेल से मंडप की तरफ निकल चुका था. यानी दूल्हे की बारात निकल चुकी थी.
Gangster Kala Jathedi alias Sandeep weds Lady Don Anuradha Chaudhary: कुख्यात गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी और लेडी डॉन अनुराधा चौधरी मंगलवार को शादी के बंधन में बंध गए. इस शादी के लिए दिल्ली की अदालत ने गैंगस्टर को 6 घंटे की कस्टडी पैरोल दी थी. गृह प्रवेश के लिए भी 14 मार्च को उसे 6 घंटे की पैरोल दी गई थी. लेकिन बाद में अदालत ने उसे रद्द कर दिया. 12 मार्च को दिल्ली के संतोष गार्डन में संपन्न हुई इस शादी का हर काम हर रस्म अदालत से मिले वक्त के मुताबिक किया गया. जैसे-जैसे घड़ी की सुईयां आगे बढ़ती रही, वैसे-वैसे संतोष गार्डन में काला जठेड़ी और अनुराधा की शादी की रस्में भी पूरी होती रहीं. आइए आपको बताते हैं इस शादी के पल पल की खबर..
12 मार्च 2024, सुबह 9 बजे, तिहाड़ की मंडोली जेल हर लम्हा क़ीमती था. इस कीमती लम्हे में उसके पास सिर्फ 360 मिनट थे. यानी 6 घंटे. जेल स्टाफ और पुलिस को भी इस बात का अहसास था. ऊपर से अदालत का हुक्म भी. लिहाजा, पेरोल की मियाद शुरू होने यानी सुबह से 10 बजने से 60 मिनट पहले 9 बजे ही मंडोली जेल के गेट पर दिल्ली पुलिस की कैदी वैन तैनात कर दी गई थी. सुबह के ठीक 9 बजे काला जठेड़ी यानी दूल्हा कैदी वैन में बैठता है. काला जठेड़ी ने नीले रंग की कमीज और जींस पहन रखी थी. दोनों हाथों में हथकड़ियां थीं. इस वैन के आगे पीछे दिल्ली पुलिस की स्वाट टीम की एक गाड़ी के साथ पुलिस की कुल छह गाड़ियां पहले से ही तैनात थी. इन छह गाड़ियों में लगभग 30 पुलिस वाले सवार थे. ऑटोमेटिक विपन के साथ.
एक घंटे पहले ही जेल से निकली गैंगस्टर की बारात अब दूल्हे का ये काफिला पुलिस की बारात के साथ जेल से निकलता है. तिहाड़ की मंडोली जेल से द्वारका सेक्टर तीन के संतोष गार्डन तक इस काफिले को पहुंचने में करीब घंटा भर लगना था. यानी दस बजे तक ही दूल्हा जठेड़ी शादी के मंडप तक पहुंच पाता. इसीलिए उसे पैरोल की मोहलत से एक घंटा पहले बाहर निकाला गया था. ताकि अदालत ने शादी के लिए जो 6 घंटे दिए हैं, वो पूरे छह घंटे उसके हिस्से में आएं. जठेड़ी का काफिला जेल से मंडप की तरफ भाग रहा था. तो दूल्हे की बारात निकल चुकी थी.
आठ गाड़ियों के काफिले के साथ संतोष गार्डन पहुंची दुल्हन अब बारी दुल्हन की थी. पर दूल्हे की बारात से दुल्हन का काफिला बिल्कुल जुदा था. अब चूंकि दुल्हन अनुराधा यानी काला जठेड़ी की रिवॉल्वर रानी जमानत पर बाहर है, लिहाजा वो पुलिस की गिरफ्त में नहीं बल्कि आजाद है. वो खुद ही अपनी काले रंग की स्कॉर्पियो को ड्राइव करते हुए जठेड़ी गांव से निकली शादी के मंडप यानी संतोष गार्डन पहुंचने के लिए. अनुराधा की गाड़ी के साथ डॉन और लेडी डॉन के बाकी रिश्तेदार 8 अलग-अलग गाड़ियों में घर से निकले थे. अनुराधा लाल रंग के सूट में शादी के मंडप में पहुंची थी. हाथों में मेहंदी सजी थी. मेहंदी से ही उसने अपनी दोनों हथेलियों पर खुद की और जठेड़ी की तस्वीर बनवाई थी. साथ ही दोनों का नाम लिखवाया था. अनुराधा चौधरी और संदीप.
बच्चों की भी तलाशी, उतरवाए मेहमानों के जूते जी हां, काला जठेड़ी का असली नाम संदीप ही है. अनुराधा सुबह ठीक साढ़े नौ बजे तमाम रिश्तेदारों के साथ शादी के मंडप में पहुंच चुकी थी. मीडिया की भीड़ से वो थोड़ी नाराज भी थी और मीडिया के इन बिन बुलाए मेहमानों पर गुस्सा भी हुई. शादी के लिए बुक बैंक्वेट हॉल यानी संतोष गार्डन में पुलिस की सुरक्षा पहले से मौजूद थी. एंट्री के लिए बाकायदा मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे. बिना पहचान पत्र के किसी भी मेहमान को एंट्री नहीं दी जा रही थी. यहां तक कि बच्चों की भी तलाशी ली जा रही थी. मेहमानों के जूते तक उतरवाए जा रहे थे. फूलों के गुलदस्तों की पत्तियों तक को टटोला जा रहा था.
नहीं मिली डीजे बजाने की इजाजत जिन मेहमानों के लिस्ट में नाम थे, लिस्ट के हिसाब से सिर्फ उन्हीं को अंदर एंट्री दी जा रही थी. यहां तक कि बैंक्वेल हॉल के स्टाफ को भी कई सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ा. काला जठेड़ी को हरियाणवी संगीत बहुत पसंद है. दूसरों की शादियों में वो हमेशा थिरकता ही नजर आया. मगर इस बार जब खुद उसकी अपनी शादी हो रही थी, तब पुलिस ने डीजे की इजाजत ही नहीं दी.

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