
गाजा में स्कूल पर इजरायली सेना का मिसाइल अटैक, 22 की मौत, मलबे में तब्दील इमारत
AajTak
Israel-Hamas War: गाजा पट्टी के एक स्कूल पर हुए इजरायली हवाई हमले में कम से कम 22 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक स्कूल में हमास और इजरायल की जंग की वजह से विस्थापित लोगों ने आश्रय लिया हुआ था.
इजरायली सेना गाजा में लगातार फिलिस्तीनियों पर कहर ढा रही है. ताजा हमलों में इजरायल ने मिसाइलों से एक स्कूल को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 22 फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि कई घायल हो गए. इस हमले के बाद हर तरफ अफरा-तफरी मच गई. पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो गई. वहां लोगों के शव क्षत-विक्षत शव नजर आए. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक मारे गए लोग इजरायल और हमास के बीच जारी जंग की वजह से विस्थापित हुए थे और जान बचाने के लिए स्कूल में शरण ले रखी थी, लेकिन इजरायली सेना ने यहां भी भीषण बमबारी कर दी.
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ये पहली बार नहीं है जब इजरायल ने स्कूल पर बम गिराए हो. इससे पहले भी वो कई बार ऐसा कर चुका है. एक विस्थापित फिलिस्तीनी फेरियल डलौल ने कहा, "एक पर कई मिसाइलों से हमला किया गया. हमने अपने आसपास को धुएं और पत्थरों से ढका हुआ देखा. हमारे लोगों के शव बिखरे हुए थे. ये दृश्य दिल को तोड़ देने वाले थे. हमारे साथ ऐसा क्यों हो रहा है. हमने क्या गलती की है?''
इस हमले पर इजरायली सेना ने बयान जारी कर बताया कि स्कूल में हमास के लड़ाके छिपे हुए थे. उन्हें निशाना बनाया गया. वहीं, फिलिस्तीनी प्रशासन का कहना है कि स्कूल में कोई हमास का लड़का नहीं था बल्कि वो लोग थे जो इजरायली बमबारी में अपना सबकुछ गवां चुके थे. पिछले साल अक्टूबर से गाजा में जारी इजरायली बमबारी में अबतक 41 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि 91 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं.
उधर, हजारों प्रदर्शनकारियों ने तेल अवीव में मार्च निकाला और इजरायल की सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते पर पहुंचने की अपील की है. बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों और दोस्तों को डर है कि गाजा में जंग लंबी खींची तो ज्यादा बंधक मारे जाएंगे. ये प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ जब पिछले 11 महीने से गाजा में जारी जंग को खत्म करने के लिए चल रही बातचीत ठप हो गई है. हमास के साथ हिज्बुल्लाह से भी जंग चल रही है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







