
गाजा पर आक्रमण का फैसला टला, अमेरिका के कहने पर क्यों रुक गया इजरायल
AajTak
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है. इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके.
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दौरान बड़ी खबर आई है. इजराइल ने गाजा पर GROUND ENVASION HOLD पर डाल दिया है. इजरायल ने ये कदम अमेरिका के कहने पर उठाया है. अमेरिका चाहता है कि MIDDLE EAST COUNTRIES में अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा के लिए मिसाइल रक्षा प्रणाली पहले वो तैनात कर लें और उसके बाद इजरायल गाजा में GROUND ENVASION करे. अमेरिकी अधिकारियों ने अब तक इज़राइल को तब तक रुकने के लिए राजी किया है जब तक कि क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियाँ स्थापित नहीं हो जातीं. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि इजराइल फिलहाल गाजा पर संभावित आक्रमण को अभी के लिए टाल दिया है. इजरायल ने आक्रमण रोकने पर सहमति जताई है, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका अमेरिकी सैनिकों की रक्षा के लिए क्षेत्र में मिसाइल रक्षा प्रणाली शुरू कर सके. WSJ ने कहा, मेरिकी अधिकारियों ने इजरायल को तब तक रुकने के लिए मना लिया है जब तक कि इस सप्ताह के अंत में इस क्षेत्र में अमेरिकी वायु-रक्षा प्रणालियां स्थापित नहीं हो जातीं.
जर्नल ने कहा कि वाशिंगटन इराक, जॉर्डन, कुवैत, जॉर्डन, सऊदी अरब, सीरिया और संयुक्त अरब अमीरात में सेवारत अपने सैनिकों सहित लगभग एक दर्जन वायु रक्षा प्रणालियों को तैनात करने के लिए संघर्ष कर रहा था. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना और अन्य अधिकारियों का मानना है कि इजरायल द्वारा हमास शासित फिलिस्तीनी क्षेत्र पर जमीनी आक्रमण शुरू करने के बाद उनकी सेना को आतंकवादी समूहों द्वारा निशाना बनाया जाएगा.
उधर, कतर के प्रधानमंत्री ने जल्दी ही बंदियों-बंधकों की रिहाई की उम्मीद जताई है. कतर प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि, गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए खाड़ी अरब राज्य द्वारा की जा रही बातचीत प्रगति पर है और उम्मीद है कि जल्द ही कोई सफलता मिलेगी.
पेंटागन मध्य पूर्व में दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप, ग्यारह बर्क-क्लास विध्वंसक, कई टिकोनडेरोगा-क्लास क्रूजर, एम्फिबियस असॉल्ट शिप, THAAD और पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली, लड़ाकू जेट के कई स्क्वाड्रन, रणनीतिक बमवर्षक तैनात कर रहा है. पेंटागन को उम्मीद है कि ईरानी प्रतिनिधि क्षेत्र में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाना जारी रखेंगे और पहले ही कह चुके हैं कि वे "निर्णायक" जवाब देंगे.
हो सकता है कि इस तरह से ये युद्ध संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध में बदल जाएगा? पेंटागन ने कहा कि "17 और 24 अक्टूबर के बीच, अमेरिका और गठबंधन सेना पर इराक में कम से कम दस अलग-अलग बार और सीरिया में तीन अलग-अलग बार एकतरफ़ा हमले वाले ड्रोन और रॉकेट के जरिए हमला किया गया है. हम जानते हैं कि संचालन करने वाले समूह इन हमलों को आईआरजीसी और ईरान से समर्थन है. हम निकट अवधि में ईरानी प्रॉक्सी बलों और अंततः ईरान से आने वाले क्षेत्र में अमेरिकी बलों और कर्मियों के खिलाफ और अधिक महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना देख रहे हैं.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







