
'गांधी परिवार नहीं करेगा किसी कैंडिडेट के लिए सक्रिय प्रचार...', कांग्रेस अध्य़क्ष चुनाव को लेकर बोले चिदंबरम
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. उम्मीदवारों की बात करें तो अभी तक अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम इस रेस में फाइनल माना जा रहा है. इस बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि गांधी परिवार को वोट देने का अधिकार है, लेकिन गांधी परिवार किसी भी उम्मीदवार के लिए सक्रिय रूप से प्रचार नहीं करेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. लेकिन अभी उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. फिलहाल अशोक गहलोत और शशि थरूर का नाम इस रेस में फाइनल माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नवरात्रि में 26 से 28 सितंबर के बीच अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन भर सकते हैं. वहीं शशि थरूर भी अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के प्रबल इच्छुक हैं. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि गांधी परिवार को वोट देने का अधिकार है, लेकिन गांधी परिवार किसी भी उम्मीदवार के लिए सक्रिय रूप से प्रचार नहीं करेगा.
चिदंबरम ने इंडिया टुडे-आजतक से बात करते हुए साफ तौर पर कहा कि पार्टी नेता और पार्टी अध्यक्ष अलग-अलग हैं. उन्होंने कहा कि महात्मा पार्टी नेता थे, जबकि आजादी के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू पार्टी के नेता थे. गांधीजी का पार्टी में नेता के रूप में प्रमुख स्थान था. भले ही वह पार्टी के अध्यक्ष नहीं थे.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सुधार की जरूरत हमेशा रहती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को भी पुनर्गठन की जरूरत है. लेकिन गांधी परिवार किसी भी कैंडिडेट के लिए सक्रिय कैंपेनिंग नहीं करेगा. वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 जनपद पर मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी सवाल पूछा. इस पर सोनिया गांधी ने थरूर को दो टूक जवाब दिया है. कहा कि It's ur call. चुनाव चुनावी प्रक्रिया के तहत ही हो.
कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शथि थरूर भी इस बार अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाले हैं. वैसे इससे पहले भी उनके एक बयान ने इन अटकलों को और ज्यादा बल दे दिया था. असल में शशि थरूर ने अपने एक लेख में कहा था कि अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान जितने ज्यादा उम्मीवार रहेंगे उतना अच्छा होगा.
थरूर ने इसे लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत बताया था. वहीं बाद में अपनी अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी को लेकर भी उन्होंने मीडिया से बात की थी. जोर देकर कहा था कि लोग कुछ भी सोचने को स्वतंत्र हैं. मैंने अपने लेख के जरिए सिर्फ इतना कहा था कि पार्टी में चुनाव सही रहेंगे. एक लोकतांत्रिक देश में लोकतांत्रिक पार्टी का होना जरूरी है. कांग्रेस अब अध्यक्ष पद का चुनाव करवा रही है, ये स्वागत योग्य कदम है. मुझे नहीं पता था कि मेरे लेख पर इतनी कयासबाजी शुरू हो जाएगी. मैंने कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, अभी मैं इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहता.
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