
'खिलाड़ियों की कृपा पर सांसद नहीं बना', रेसलर्स विवाद पर बोले बृजभूषण शरण सिंह
AajTak
रेसलर्स विवाद पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि राजनीति का मौसम आएगा तो राजनीति कर ली जाएगी, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसी पर भरोसा किया जाना चाहिए. बृजभूषण ने आगे कहा कि तीन महीने पहले तक पहलवान एफआईआर के लिए क्यों नहीं गए?
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों के आरोपों के मुद्दे पर एक बार फिर बयान दिया है. सांसदी के सवाल पर उन्होंने आजतक से कहा है कि वह खिलाड़ियों की कृपा से नहीं, बल्कि जनता के दम पर सांसद बने हैं और आगे भी बने रहेंगे. उन्होंने रेसलर्स के लिए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जो भरोसा दिया था, उसके हिसाब से तो कुश्ती खिलाड़ियों को अपने घर चले जाना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि जब राजनीति का मौसम आएगा तो राजनीति कर ली जाएगी, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसी पर भरोसा किया जाना चाहिए. बृजभूषण ने आगे कहा कि तीन महीने पहले तक पहलवान एफआईआर के लिए क्यों नहीं गए? केस दर्ज करने की बात सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, बल्कि सरकार ने कही है. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा है कि FIR लिखने में कोई दिक्कत नहीं है.
बृजभूषण ने आगे कहा है कि कहा है कि बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. लोगों को पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जिसमें सब साफ हो जाएगा. बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तीन महीने में दूसरी बार पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं. देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन रेसलर शामिल हैं.
18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले करीब 30 रेसलर धरना देने के लिए जुटे थे. इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं.
धरना करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं. 23 अप्रैल से पहलवान दोबारा धरने पर बैठे हैं. पहलवानों ने अब जांच कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. विनेश फोगाट ने कहा, मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. उन्होंने कहा, नहीं पता कि अध्यक्ष ब्रजभूषण को बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. पहलवानों का दावा है कि कमेटी की रिपोर्ट सब्मिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है यह हमें बताया जाना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता?

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










