
'खराब' पेंटिंग पर ट्रंप ने जताया था गुस्सा, अब पुतिन ने भेजा ऐसा गिफ्ट, गदगद हुए अमेरिकी राष्ट्रपति
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डोनाल्ड ट्रंप रविवार को कोलोराडो स्टेट कैपिटल में लगी अपनी एक तस्वीर देखकर भड़क गए थे. ट्रंप का कहना था कि पेंटर ने बेहद ही खराब तरीके से उनकी तस्वीर बनाई है. इसी बीच खबर है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने ट्रंप को एक शानदार तोहफा भेजा है.
डोनाल्ड ट्रंप बीते रविवार को अपनी एक खराब पेंटिंग देखकर भड़क गए थे और अब खबर है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उन्हें उनकी बेहद ही खूबसूरत पेंटिंग गिफ्ट की है. नई पेंटिंग फिलहाल सामने नहीं आई है और क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि तस्वीर ट्रंप को पुतिन का 'पर्सनल गिफ्ट' है. राष्ट्रपति पुतिन के गिफ्ट से ट्रंप बेहद खुश हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने पुतिन की तरफ से गिफ्ट के तौर पर दिए गए ट्रंप की पेंटिंग को 'सुंदर' बताया है. उन्होंने कहा, 'पेंटिंग रूस के एक प्रमुख कलाकार ने बनाई है जो कि सुंदर चित्र है.' हालांकि, उन्होंने और कुछ कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि 'ट्रंप साफ तौर पर पेंटिंग से प्रभावित हुए हैं.'
ट्रंप ने पुतिन की तरफ से भेजी गई तस्वीर पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है.
रूस-अमेरिका रिश्तों में बढ़ती मधुरता का प्रतीक है ट्रंप को पुतिन का तोहफा
पुतिन का तोहफा जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में आई मधुरता को दिखाता है. एक इंटरव्यू में, विटकॉफ ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति का रवैया बहुत अच्छा रहा है. वो 10 दिनों पहले ही पुतिन से मिले थे. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब ट्रंप की हत्या की कोशिश की गई थी तब पुतिन ने ट्रंप के लिए प्रार्थना की थी.
पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पेंसिल्वेनिया की एक रैली में ट्रंप पर हमला हुआ था जिसमें वो बाल-बाल बच गए थे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






