
क्या है बच्चा बाजी प्रथा, जिसमें लड़कों को बनाया जा रहा यौन गुलाम, क्यों तालिबान के मामले में हाथ डालने से US भी बचता रहा
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अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद से वहां महिलाओं पर हिंसा की खबरें आ रही हैं, लेकिन बच्चे भी सेफ नहीं. हाल में सोशल प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें कमउम्र लड़के अफगान लड़ाकों के मनबहलाव के लिए डांस कर रहे हैं. ये अफगानी कस्टम है, जिसे बच्चा बाजी कहते हैं. इसमें लड़कों को लड़कियों की तरह सजाकर उन्हें नचाया और कथित तौर पर यौन हिंसा की जाती है.
तालिबान के आने के बाद से अफगानिस्तान एक बार फिर पुराने पुराने रंग-ढंग अपना रहा है. इस बीच बच्चा बाजी नाम की परंपरा भी तेजी से बढ़ी. इसमें किशोर या उससे भी छोटी उम्र के बच्चों को ताकतवर तालिबानी लोग अपने मनबहलाव के लिए खरीदते हैं. उन्हें डांस की ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके बाद शोषण का दौर शुरू हो जाता है.
अफगानिस्तान में लंबे समय तक रह चुकी स्पेशल अमेरिकी फोर्स भी इस कस्टम के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकी. यहां तक कि यूनाइटेड नेशन्स भी अफगानिस्तान के घरेलू मामलों से दूर रहता है.
क्या होता है इस कस्टम के तहत
बच्चा बाजी एक पर्शियन शब्द से उपजा है, जिसका मतलब है, बच्चों का खेल. इस प्रैक्टिस के तहत 8 साल से ज्यादा और 16 साल से कम उम्र के लड़कों को यौन गुलाम बनाकर रखा जाता है. इसे बच्चा बरीश भी कहते हैं, यानी वो बच्चा जिसकी दाढ़ी न आई हो, वो इसका मेन कैरेक्टर होता है. बच्चों की जब दाढ़ी आने लगती है, तब उन्हें वापस छोड़ दिया जाता है,
क्या होता है छोड़े हुए बच्चों के साथ
कुछ सालों के भीतर ज्यादातर बच्चे कम उम्र में यौन बीमारियों के शिकार हो चुके होते हैं, या फिर नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं. ऐसे बच्चों को उनका परिवार भी नहीं अपनाता. कुल मिलाकर, एक बार बच्चा बाजी में आ चुके लड़कों के लिए सोसायटी में कोई जगह नहीं रह जाती, सिवाय इसके कि वे नशे के कारोबार में आ जाएं, या फिर छिपकर यौन सर्विस देते रहें. कई बार ये तालिबानी सेना में भर्ती हो जाते हैं.

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