
क्या महाराष्ट्र में अभी और होगा राजनीतिक फेरबदल? शरद पवार के बाद अब उद्धव से मिले अजित
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महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने पिछले हफ्ते अपने चाचा शरद पवार से लगातार तीन दिन मुलाकात की. अब उन्होंने एनडीए की बैठक से लौटने के बाद उद्धव ठाकरे और उनके विधायकों के साथ मुलाकात. भले ही इस मुलाकात को शिष्टाचार बताया गया हो लेकिन इसके राजनीति मायने निकाले जा रहे हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन कुछ नया घट रहा है. एनसीपी चीफ शरद पवार से बगावत कर शिंदे-बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम बनने के बाद से अजित पवार लगातार विरोधी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उन्होंने पहले शरद पवार से तीन बार मुलाकात की. अब उन्होंने उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के साथ-साथ शिवसेना यूबीटी के विधायकों के साथ मुलाकात की. डिप्टी सीएम बनने के बाद पहली बार दोनों ने एक-दूसरे के साथ मीटिंग की है. यह मीटिंग विधान भवन के केबिन में हुई. हालांकि इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक के दौरान उन्होंने अजित पवार से राज्य के नागरिकों और किसानों पर ध्यान देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अजित पवार ने मेरे साथ ढाई साल तक काम किया है, इसलिए मुझे उनके चरित्र का पता है.
दोनों नेताओं की मुलाकात से से चर्चा का बाजार गर्म हो गया है. दरअसल अजित पवार मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल हुए थे और वहां से लौटते ही उन्होंने उद्धव से मुलाकात कर ली.
अजित पवार 15 जुलाई को अपनी चाची प्रतिभा पवार (शरद पवार की पत्नी) का हाल जानने सिल्वर ओक गए थे. अजित ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि राजनीति अलग है और परिवार अलग है. इसके अगले दिन यानी 16 जुलाई को वाईबी चव्हाण सेंटर में अजित पवार और उनके मंत्रियों ने शरद पवार से मुलाकात की और उनसे माफी मांगी, फिर समर्थन और आशीर्वाद भी मांगा. हालांकि, शरद पवार ने अजित पवार और उनके मंत्रियों को कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद 17 जुलाई को एकबार फिर अजित पवार अपने विधायकों संग शरद पवार से मिलने के लिए पहुंच गए थे. इसके बाद ये सवाल उठने लगे कि आखिर अजित पवार, लगातार शरद पवार से क्यों मुलाकात कर रहे हैं.
महाराष्ट्र में 2 जुलाई को अजित पवार पाला बदलकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. अजित के साथ छगन भुजबल, धनंजय मुंडे समेत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी.

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