क्या मछुआरे पार लगाएंगे केरल में राहुल गांधी की चुनावी नाव?
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केरल की चुनावी जंग में इस बार चुनाव का रुख राज्य के मछुआरे तय करने वाले हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोल्लम जिले में पिछले दिनों समुद्र में गोता लगाते और मछली पकड़ने वाले नेट लिए नजर आए थे. यह वही इलाका है, जहां बड़ी संख्या में मछुआरे रहते हैं और केरल की सियासत में अहम भूमिका अदा करते हैं
केरल विधानसभा चुनाव की 140 सीटों पर मंगलवार यानी 6 अप्रैल को मतदान होना है. लेफ्ट के अगुवाई वाले एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के बीच कांटे का मुकाबला है. केरल की चुनावी जंग में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की साख दांव पर लगी है और इस बार चुनाव का रुख राज्य के मछुआरे तय करने वाले हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोल्लम जिले में पिछले दिनों समुद्र में गोता लगाते और मछली पकड़ने वाले नेट लिए नजर आए थे. यह वही इलाका है, जहां बड़ी संख्या में मछुआरे रहते हैं और केरल की सियासत में अहम भूमिका अदा करते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल मछुआरों के सहारे केरल चुनाव में करिश्मा दिखा पाएंगे? केरल में 10 फीसदी मछुआरे हैंलोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.
पूरे देश में इन दिनों गर्मी अपने रिकॉर्ड तोड़ रही है. ऐसे में राजस्थान के अलवर में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए जहां कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. मंदिरों में कूलर और एसी लगाए गए हैं. वहीं, भगवान के डाइट चार्ट में बदलाव कर दिया गया है. मंदिरों में भगवान को अब रबड़ी, छाछ और ठंडाई का भोग लग रहा है.